मथुरा जेल में हर्बल गुलाल बनाते बंदी
UP News: होली के अवसर पर यूपी की तमाम जेलों में हर्बल गुलाल व रंग तैयार किए जा रहे हैं. बंदी दिन-रात लगकर फूलों व फलों से रंग तैयार कर रहे हैं. मथुरा से लेकर, आगरा और मेरठ में भारी मात्रा में रंग तैयार किया जा रहा है. मथुरा में जो हर्बल गुलाल व रंग तैयार किया जा रहा है, वो सबसे पहले काशी में बाबा विश्वनाथ पर चढ़ेगा. इसके बाद जेल के बाहर स्टाल लगाकर रंग को आम जनमानस में बेचा जाएगा. इसी के साथ बंदी लोगों को केमिकल रहित होली खेलने का संदेश देंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि गायत्री शक्तिपीठ आंवलखेड़ा से 200 कुंतल गुलाल बनाने का आर्डर आगरा जेल को मिला है.
ज़िला जेल मथुरा के बंदी उत्साहित हैं कि इस साल चुकंदर पालक मेथी हल्दी गुलाब अरारोट इत्र से बना उनका हर्बल गुलाल बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में सबसे पहले चढ़ेगा . @rashtrapatibhvn @narendramodi @myogiadityanath @dharmindia51 pic.twitter.com/KgHxGV6beI
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मेरठ जेल
मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में होली के लिए बंदी हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं. इस काम में हिंदू और मुस्लिम बंदी भी पूरा सहयोग कर रहे हैं. यह गुलाल जेल में आने वाले बंदियों के परिजनों के लिए तो उपलब्ध रहेगा. साथ ही, आउटलेट भी जेल के बाहर लगाया जाएगा. ताकि नेचुरल रंगों का इस्तेमाल लोग होली के त्योहार पर कर सकें. बंदी यहां टेलकम पाउडर, आरारोट, सब्जियों के जूस से हर्बल गुलाल को बना रहे हैं. 100 ग्राम प्राकृतिक गुलाल की कीमत 10 रुपए तय की गई है.
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फूलों के रस से बन रहा गुलाल
मेरठ, आगरा और मथुरा जेल के कैदी चुकंदर, पालक, टेसू के फूलों, हल्दी से हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं. हर्बल गुलाल बनाने के लिए टेलकम पाउडर और अरारोट में पालक को पीसकर उसमें से हरा रंग निकाल कर मिलाया जा रहा है. इसी तरह मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकंदर को पीसकर लाल रंग, हल्दी पाउडर का प्रयोग कर पीला गुलाल तैयार किया जा रहा है. गुलाल में सब्जियों, फूलों की प्राकृतिक खुशबू है. गुलाल जेल में उगने वाली सब्जियों से तैयार हो रहा है. टेलकम पाउडर बाजार से खरीदा गया है.
आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश .ज़िला जेल आगरा के कृषि फार्म की वनस्पतियों से हर्बल गुलाल बनाते बंदी . गायत्री शक्तिपीठ आँवलखेडा से 200 कुंटल गुलाल बनाने का आर्डर मिला है . @PMOIndia @narendramodi @myogiadityanath @dharmindia51 pic.twitter.com/l0FT74bQnC
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जेल के मेन गेट पर लगेगा आउटलेट
मेरठ की जिला जेल में बन रहा गुलाल आम लोगों तक पहुंचे इसके लिए भी जेल प्रशासन ने इंतजाम किए हैं. जेल में कैदियों के बनाए जा रहे गुलाल पर करीब 180 रुपए प्रति किलो की लागत आ रही है. इस गुलाल को 200 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री किया जाएगा. गुलाल के 100-100 ग्राम के पैकेट जेल के मुख्य द्वार पर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे.
बंदियों द्वारा हर्बल गुलाल बनाया गया है। चुकंदर, पालक, गेंदे और गुलाब के फूलों को मिश्रित करके हर्बल गुलाल बनाया गया है। इस गुलाल से त्वचा पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इस बार सभी कैदी और अधिकारी इन्हीं गुलाल से होली खेलेंगे: राकेश कुमार, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, मेरठ (04.03) pic.twitter.com/VqGxd8Tqz9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2023
बंदी भी इसी गुलाल से खेलेंगे होली
बता दें कि जेलों में जो गुलाल व रंग तैयार किया जा रहा है, उसी से बंदी भी होली खेलेंगे. त्योहार पर मुलाकात के दौरान बंदी अपने परिजनों को हर्बल गुलाल गिफ्ट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे. बता दें कि गुलाल बनाने के लिए कैदियों ने पहले जेल परिसर में पालक और चुकंदर की खेती की है. बिना केमिकल के उगाई हुई सब्जी के इस्तेमाल से बना ये गुलाल एकदम हर्बल है.
होली का रंग और उमंग जेलों में भी दिखने लगा है . बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा ,भारतीय संस्कृति और भाईचारे के दर्शन होते हैं . ज़िला जेल आगरा ,मथुरा और ग़ाज़ियाबाद में बंदी, हर्बल रंग और गुलाल बना रहे हैं . @narendramodi_in @myogiadityanath @dharmindia51
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साइड इफैक्ट रहित है ये गुलाल
डीजी जेल बताते हैं कि कौशल विकास मिशन के तहत कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. जिससे वह जब भी जेल से रिहा हों तो समाज के बीच रहकर अच्छा कार्य करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. होली के शुभ अवसर पर कैदी सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं. ये पूरी तरह हर्बल है, जिससे त्वचा, आंखों, सांस को कोई नुकसान नहीं होगा. जेल में होलिकोत्सव भी मनाया जाएगा. उस दिन बंदियों को विशेष भोजन भी परोसा जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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