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Allahabad High Court: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आ गया है. लखनऊ बेंच ने ये अहम फैसला सुनाया है. फैसले में कोर्ट ने कहा है कि निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएं. जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा, सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवाए.
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को 70 पेजों का फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है. ओबीसी के लिए आरक्षित अब सभी सीटें जनरल मानी जाएंगी. कोर्ट के फैसले के बाद अब यूपी में निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने का रास्ता साफ हो गया है.
लखनऊ बेंच ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ओबीसी आरक्षण देने के लिए एक कमीशन बनाया जाए, तभी ओबीसी आरक्षण दिया जाए, सरकार ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूला को अपनाए, इसमें समय लग सकता है, ऐसे में अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बिना ओबीसी आरक्षण ही तुरंत चुनाव करा सकता है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सभी ओबीसी की सीटों को जनरल कैटेगिरी में माना जाएगा. क्योंकि ओबीसी आरक्षण को कोर्ट ने रद्द कर दिया है. सरकार की तरफ से जारी किए गए ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद्द हो गया है और अगर सरकार या निर्वाचन आयोग अभी चुनाव कराता है तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को जनरल मानकर चुनाव होगा. जबकि एससी-एसटी के लिए चुवान उसी आरक्षण पर होगा. इनकी सीटों पर कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बता दें कि निकाय चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने आरक्षण सीटों के लिए एक सूचि जारी की थी. इसके बाद से ही हाईकोर्ट में लगातार याचिकाएं दायर की जा रही थीं. कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण जारी करने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला नहीं अपनाया था. इस फॉर्मूले को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया गया था.
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