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हिमाचल में सियासी संकट बरकरार, कैबिनेट मीटिंग में बीच में छोड़कर गए मंत्री विक्रमादित्य

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल में सियासी संकट अभी भी बरकरार है. जानकारी के अनुसार मंत्री पद छोड़कर इस्तीफा वापस लेने वाले विक्रमादित्य गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग छोड़कर चले गए.

Himachal Pradesh Political Crisis

मंत्री विक्रमादित्य सिंह.

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल का सियासी संकट अभी भी बरकरार है. राज्यसभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग के चलते 29 फरवरी को स्पीकर ने कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके बाद सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मंत्री विक्रमादित्य मीटिंग बीच में छोड़कर बागी विधायकों से मिलने चले गए. जानकारी के अनुसार वे मीटिंग से निकलकर सीधे चंडीगढ़ पहुंचे और बागी विधायकों से मिले. हालांकि केंद्र की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा यह दावा कर रहे हैं कि अब सब कुछ ठीक है.

दरअसल हिमाचल में आए इस सियासी संकट की शुरुआत मंगलवार को हुई थी. जब एक सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्राॅस वोटिंग कर बगावत कर दी थी. कांग्रेस की यह हार देश में सुर्खियों की वजह बन गई. क्योंकि यहां कग्रेस में बहुमत में होने के बावजूद चुनाव हार गई. जबकि भाजपा के पास यहां केवल 25 विधायक ही थे.

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6 सदस्यों की समन्वय समिति करेगी डैमेज कंट्रोल

हालांकि इस बीच कांग्रेस के पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है और सुक्खू सीएम हैं. सभी विधायक 5 साल तक कांग्रेस की सरकार चाहते हैं. यहां कोई ऑपरेशन लोटस नहीं है. सभी विधायक ने मतभेद सुलझा लिए है. इस बीच हम सभी मिलकर 6 सदस्यों की एक कोऑर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं ताकि सरकार पूरे 5 साल तक चल सके. यह समन्वय समिति पार्टी और सरकार को बचाने के लिए मिलकर काम करेगी. इसके अलावा सरकार और पार्टी के बीच समन्वय बनाकर काम करेगी.

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