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काश! इतना सस्ता होता इलाज: कानपुर मेडिकल कॉलेज ने 1रुपये में किया ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट

काश! इतना सस्ता होता इलाज: कानपुर मेडिकल कॉलेज ने 1रुपये में किया ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट

सिर्फ 1 रुपये में ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां संबंद्ध हैलट अस्पताल में 2 कैंसर मरीजों को संजीवनी देने का काम किया गया है. बस 1 रुपए के पर्चे पर दोनों मरीजों के ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का इलाज किया गया. आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ना केवल डॉक्टरों ने उनकी जान बचाई बल्कि उनका स्तन कटने से भी बचा लिया.

गरीब परिवार से हैं महिलाएं

कैंसर का नाम सुनते ही मरीज ही नहीं उसके परिजनों के भी होश उड़ जाते हैं. महंगे इलाज के चलते कैंसर पीड़ित के परिवार के ऊपर आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगते हैं. हैलट अस्पताल के सर्जरी विभाग में एडमिट इन 2 महिलाओं के परिवारों के साथ भी ऐसा ही हुआ. जब इन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चला तो परिवार में दुख की लहर दौड़ गई साथ ही साथ इलाज की चिंता भी सताने लगी. गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाली इन दोनों महिलाओं के परिजनों ने सोचा भी नहीं था कि वह कैंसर का सफल इलाज करा पाएंगे. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में महज 1रुपये के पर्चे पर दोनों महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया गया है.

जान बचना लग रहा था मुश्किल

इनसे कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया गया और ना ही कोई दवा बाहर से मंगवाई गई है. सफल ऑपरेशन हो जाने के बाद महिलाओं के परिजन इस व्यवस्था को धन्यवाद दे रहे हैं जिसमें महज 1 रुपए में कैंसर का इलाज किया गया. दरअसल इन्हें यह लग रहा था की कैंसर होने के बाद अब बच पाना बेहद मुश्किल है. देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट होते हैं. कई बार खराब आर्थिक स्थिति की वजह से मरीज इस बीमारी का इलाज नहीं करा पाते और मरीजों की मौत हो जाती है.

इस तकनीक से किया इलाज

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करते समय ओंको मेमो प्लास्टी तकनीक का इस्तेमाल किया गया. इस सर्जरी में वॉल्यूम रिप्लेसमेंट तकनीक का सहारा लिया गया. मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि पहले कैंसर हो जाने पर महिलाओं का ब्रेस्ट काटकर हटाना पड़ता था. वॉल्यूम डिस्प्लेसमेंट तकनीक में शरीर के दूसरे अंग का मांस का टुकड़ा लगाया जाता है.

-भारत एक्सप्रेस

 

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