Bharat Express

UP News: “500 वर्षों के बाद ‘श्री राम जन्मभूमि’ वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि ‘सिंधु’ को वापस न ले सकें…”, अधिवेशन में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ

Lucknow: लखनऊ में ‘राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन’ का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, सिंधी समाज को अपने इतिहास के बारे में अपनी वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है.

कार्यक्रम में सीएम योगी (फोटो सोशल मीडिया)

Lucknow: रविवार को सिंधी समाज द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन’ (National Sindhi Convention) कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि “500 वर्षों के बाद ‘श्री राम जन्मभूमि’ वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि पाकिस्तान से ‘सिंध’ को वापस न ले सकें.” इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि जिसने भी अपनी विरासत को भुलाया और उससे दूर रखा, उसका पतन हुआ है. इसी के साथ कहा कि हमें अपनी विरासत का सम्मान करना चाहिए. हम अपनी विरासत से ही अपना विकास और अपने समाज को उन्नत बना सकते हैं. वह आगे बोले कि हम चाहे कितने भी आधुनिक हो जाएं, हमारी विरासत कभी भी हमसे अलग नहीं हो सकती.

बता दें कि रविवार को सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की इस मौके पर उन्होंने कहा कि सिंधी समाज को अपने इतिहास के बारे में अपनी वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है. इसी के साथ अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर को लेकर कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. जनवरी में रामलला अपने मंदिर में फिर से विराजमान होंगे. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमने अपनी विरासत को सहेजने का काम किया है. आज देश भर में इसके लिए हजारों कार्यक्रम चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि काशी में महादेव का धाम बनाया गया है और अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का धाम बनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Ram Mandir: देश के 10 करोड़ घरों तक पहुंचाई जाएगी रामलला की तस्वीर, बनाई गई ये बड़ी योजना, मंदिर शिखर पर फहराएगी पताका

विभाजन की त्रासदी को किया याद

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन के समय को याद करते हुए कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति की जिद की वजह से देश को विभाजन की त्रासदी से गुजरना पड़ा. उन्होंने कहा कि, देश के बंटवारे की वजह से लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ और भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में चला गया. इसी के साथ उन्होंने सिंधी समाज को लेकर कहा कि विभाजन के दर्द को सबसे ज्यादा सिंधी समाज ने सहा है, उन्हें अपनी मातृभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसी के साथ उन्होंने आतंकवाद को लेकर कहा कि आज भी आतंकवाद के रूप में हमें विभाजन की त्रासदी के दंश को झेलना पड़ रहा है. इसी के साथ मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि “सिंधी समाज ने सनातन धर्म के मूल्यों की रक्षा करने, भारत की राष्ट्रीयता को मज़बूती प्रदान करने और अपने व्यवसाय में भी शून्य से शिखर तक की यात्रा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है.”

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read