बापू वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन
रांची– झारखंड में पत्नियों से प्रताड़ित पुरुषों ने मोर्चा बनाकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. सेव इंडियन फैमिली नामक संस्था के बैनर तले जुटे ऐसे पुरुषों ने रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. आंदोलित पुरुषों का मानना है कि भारतीय कानून के प्रावधानों का नाजायज इस्तेमाल कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रशासन, समाज और पुलिस से उन्हें भी इस नाइंसाफी के खिलाफ संरक्षण मिलना चाहिए.
आंदोलित पुरुषों के मुताबिक दहेज प्रताड़ना के खिलाफ कानून की धारा 498 का उपयोग जितना महिलाओं के हक में नहीं होता, उतना पुरुषों को प्रताड़ित करने के लिए हो रहा है. कई लोगों को झूठी शिकायतों के कारण जेल जाना पड़ता है और उनका पूरा परिवार तबाह हो जाता है. गुजारा भत्ता की धारा 125 के भी इस्तेमाल का उदाहरण आम हैं. धरना दे रहे लोगों ने बताया कि हमारी कहानियां भी ऐसी ही हैं. हममें से किसी ने झूठी शिकायत की वजह से नौकरी गंवा दी तो किसी को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
सेव इंडियन फैमिली संस्था से जुड़े सुशील कुमार पांडे ने आरोप लगाया है कि पत्नी की प्रताड़ना के चलते उनका परिवार तबाह हो गया. उनकी पत्नी गांव में नहीं रहना चाहती थी, जबकि उनकी आजीविका गांव के कारण ही चल रही थी. पत्नी की बात नहीं मानी तो मेंटेंनेस और दहेज प्रताड़ना के जरिए उनके खिलाफ केस किया गया. वह जेल भी चले गये. रामगढ़ निवासी बिगनकांत का कहना है कि 498 के झूठे केस के चलते उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी.
धरना दे रहे लोगों की अगुवाई कर रहे प्रह्लाद प्रसाद ने दावा किया कि हर साल चार लाख लोग धारा 498 के दुरुपयोग का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में 19 नवंबर को रांची में एक बड़े सम्मेलन के आयोजन की तैयारी की जा रही है. कहा कि हमारे मोर्चा से अब बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार हमें अन्याय से सुरक्षा देने के लिए कानूनों में आवश्यक संशोधन करेगी.
-आईएएनएस/भारत एक्सप्रेस