फोटो-सोशल मीडिया
Independence Day: करीब 200 साल की गुलामी के बाद जब 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ तो पूरा देश जश्न में डूब गया था और लोग आजादी का उत्सव मना रहे थे. इतने लम्बे समय बाद देश की जनता ने आजादी का स्वाद चखा था, तो उनके अंदर उत्साह देखते ही बनता था लेकिन इन सबके बीच देश का एक हिस्सा ऐसा था, जहां ये आजादी की खुशी पहुंचने में पूरा एक दिन लग गया. यही वजह रही कि यहां पर 15 अगस्त नहीं बल्कि 16 अगस्त को आजादी के दिन के रूप में मनाया जाता है. तो आइए जानते हैं, इस लेख में इसकी वजह…
जानें कहां है वो जगह?
बता दें कि ये खास जगह हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूर पर स्थित है. इस शहर का नाम ठियोग है. यहां के लोग 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं. इस दिन यहां के लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर मिठाईयां खिलाते हैं. इसी के साथ ही यहां के लोग इस दिन को रिहाली और जलसा के रूप में भी सेलिब्रेट करते हैं.
माना जाता है कि देश भले ही अंग्रेजों की गुलामी से 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन देश में जनता द्वारा चुनी गई पहली सरकार शिमला के इसी शहर में बनी थी. यही वजह रही कि लोग यहां पर 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, 16 अगस्त 1947 से पहले तक ठियोग में राजाओं का शासन था और यहां पर राजा ही हर फैसला लेते थे. इस पर यहां की जनता ने एक शाम राजाओं के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया और महल को घेर लिया. ये विद्रोह इतना तेज था कि ठियोग रिसायत के राजा ने अपनी गद्दी छोड़ दी और प्रजामंडल के सूरत राम प्रकाश के नेतृत्व में ठियोग में पहली सरकार 16 अगस्त 1947 को बनी. सूरत राम प्रकाश ने पीएम पद की शपथ ली था. इसी के साथ ही गृहमंत्री के तौर पर बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा और अन्य आठ लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. माना जाता है कि यहां के लोगों ने इसी दिन को अपनी आजादी का दिन मान लिया और इसी वजह से यहां के लोग 16 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. इसे एक उत्सव के रूप में यहां पर सेलिब्रेट किया जाता है.
-भारत एक्सप्रेस