
भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दे दी है. यह जानकारी रक्षा मंत्रालय (MoD) ने एक आधिकारिक बयान में दी.
मंत्रालय के अनुसार, यह फैसला भारत की आत्मनिर्भरता (Aatmanirbharta) को बढ़ावा देने और घरेलू रक्षा तकनीक को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस परियोजना का नेतृत्व एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) करेगी, जो इसे उद्योग जगत के साथ मिलकर आगे बढ़ाएगी.
ADA करेगी परियोजना का नेतृत्व
कार्यक्रम का कार्यान्वयन मॉडल इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को समान अवसर मिलेंगे. कंपनियां अकेले, संयुक्त उद्यम (Joint Venture) या कंसोर्टियम के रूप में भी बोली लगा सकती हैं. शर्त यह है कि बोली लगाने वाली इकाई एक भारतीय कंपनी होनी चाहिए और देश के सभी नियम-कानूनों का पालन करना अनिवार्य होगा.
इस कदम से भारत की घरेलू तकनीकी विशेषज्ञता और उत्पादन क्षमता का लाभ उठाकर AMCA प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया जाएगा. जल्द ही ADA इस परियोजना के विकास चरण के लिए एक Expression of Interest (EoI) जारी करेगी.
पहले से मिली जानकारियों के अनुसार, भारत इस 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है. वहीं अमेरिका भारत को अपने F-35 फाइटर जेट्स बेचने की कोशिश कर रहा है.
HAL और निजी कंपनियों के बीच संभावित साझेदारी
इस प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जिसमें भारतीय वायु सेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सदस्य भी शामिल हैं. यह समिति निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है — जिसमें HAL और निजी कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम या डिजाइन और विकास चरणों में साझेदारी के मॉडल शामिल हैं.
गौरतलब है कि HAL पहले से ही लड़ाकू विमानों के निर्माण में बड़ी मात्रा में काम निजी कंपनियों जैसे L&T, Godrej और Azad Engineering को आउटसोर्स करता है. टाटा ग्रुप के पास भी विमान निर्माण का अनुभव है, जो एयरबस के साथ मिलकर भारत में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का असेंबली कार्य कर रहा है.
हाल ही में बेंगलुरु में 10 से 14 फरवरी तक आयोजित Aero India 2025 में ADA द्वारा डिजाइन किए गए AMCA का फुल-स्केल मॉडल प्रदर्शित किया गया था. यह 25 टन वजनी फाइटर जेट न केवल मानवयुक्त होगा बल्कि मानव-रहित ड्रोन के साथ टीम बनाकर भी ऑपरेशन कर सकेगा. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का गहरा समावेश होगा.
AI आधारित स्मार्ट फाइटर जेट की झलक
AMCA में AI आधारित इलेक्ट्रॉनिक पायलट, मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन, पायलट निर्णय सहायता प्रणाली, स्वचालित लक्ष्य पहचान और कम दृश्यता में उड़ान के लिए कॉम्बाइंड विजन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं शामिल होंगी.
ADA का कहना है कि AI का उपयोग इस फाइटर जेट की क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, जिससे यह दुनिया के सबसे उन्नत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में शामिल हो जाएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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