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भारत ने दिया चीन को कड़ा संदेश, अरुणाचल प्रदेश में देश के सबसे बड़े हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी

Arunachal Pradesh: चीन की नीयत हमेशा से ही भारत के सीमावर्ती इलाकों को लेकर ठीक नहीं रही है. इन इलाकों में वह भारत की विकासात्मक गतिविधियों की खिलाफत करता रहा है.

Dibang Project

हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट

India’s Biggest Hydropower Project: पड़ोसी मुल्क चीन की चाल को देखते हुए उसे एक कड़ा संदेश देने की नीयत से केंद्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र पर प्रस्तावित परियोजनाओं पर काम की रफ्तार बढ़ा दी है. ब्रह्मपुत्र नदी पर केंद्र सरकार द्वारा 3 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. सरकार के इस फैसले के बाद इन तीनों परियोजनाओं पर तेजी से काम चालू हो गया है.

चीनी सीमा के पास हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

भारत में अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से सटे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी गई है. इस परियोजना को दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना के नाम से भी जाना जाता है. इसे अब तक की सबसे बड़ी परियोजना बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHPC) इस परियोजना पर काम करेगी.

भारत ने दिया चीन को कड़ा संदेश

भारत के पड़ोसी चीन की नीयत हमेशा से ही भारत के सीमावर्ती इलाकों को लेकर ठीक नहीं रही है. इन इलाकों में वह भारत की विकासात्मक गतिविधियों की खिलाफत करता रहा है. अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी चीन की मंशा ठीक नहीं रही है.

चीन इस बात का दावा करता आया है कि भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का हिस्सा है. ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला चीन को इस बात का संदेश है कि भारत चीन से सटे अपने सीमावर्ती इलाकों पर विकासात्मक गतिविधियों को चालू रखने में किसी के दबाव में नहीं आने वाला.

दिबांग नदी पर बनाई जा रही है यह परियोजना

अरुणाचल प्रदेश के निचली दिबांग घाटी जिले में दिबांग नदी पर बनाई जा रही दिबांग जलविद्युत परियोजना की क्षमता 2,880 मेगावाट की है. इस परियोजना के लिए 319 अरब रुपये की मंजूरी मिल गई है. अगर बात करें इस परियोजना के पूरा होने में लगने वाले समय की तो बताया जा रहा है कि यह लगभग 9 साल में पूरी होगी.

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देश का सबसे बड़ा बांध

अरुणाचल प्रदेश में चल रही इस परियोजना का उद्देश्य इलाके में आने वाली बाढ़ को नियंत्रित करना. परियोजना के पूरा होने के बाद यह देश का सबसे ऊंचा बांध होगा. इ इलाकों में सामुदायिक व सामाजिक विकास योजनाओं और स्थानीय लोगों की संस्कृति और पहचान को सुरक्षित रखने की योजनाओं पर भी सरकार ने काम करने के लिए बड़े बजट की व्यवस्था की है.



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