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इस्लामिक सेंटर में किसी की विचारधारा नहीं चलती, सदस्य जो चाहेंगे वही होगा: डॉ. माजिद अहमद तालिकोटी

India Islamic Cultural Centre elections in Delhi: इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चुनाव के दौरान सदस्यों को संबोधित करते हुए सिराजुद्दीन कुरेशी ने कहा कि हमारा सेंटर राजनीतिक अड्डा ना बनने दिया जाए. आज यह सेंटर सरकार के हाथ में चला गया है.

Dr Majid Ahmed Talikoti

फोटो: इस्लामिक सेंटर में बोलते हुए डॉ. माजिद अहमद तालिकोटी।

Delhi News: इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चुनाव के दौरान ओखला में सिराजुद्दीन पैनल की बैठक हुई, जिसमें सदस्यों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और अपने समर्थन का ऐलान किया.

सदस्यों को संबोधित करते हुए सिराजुद्दीन कुरेशी ने कहा कि 20 वर्षों तक मैंने सेंटर के लिए जो सेवाएं दी हैं, वह किसी से छिपी नहीं है मैंने इस सेंटर को हर तरह की राजनीति से दूर रखा, राजनीतिक अड्डा नहीं बनने दिया. उम्र के मुद्दे पर कुछ लोग उन को कोर्ट तक ले गए, जिसके कारण आज सेंटर सरकार के हाथ में चला गया.

उन्होंने कहा— ‘हमें बताएं कि क्या हमारे सेंटर में बुद्धिजीवियों, न्यायाधीशों, वकीलों की कमी है, क्या अदालत में जाने से पहले इन लोगों से परामर्श नहीं किया जा सकता था, उन लोगों के कारण, सेंटर को करीब डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मैंने बहुत सोच-विचार और परामर्श के बाद डॉ. माजिद को अध्य्क्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है और मैं इस सेंटर को कभी भी ऐसे व्यक्ति के हाथों में नहीं दूंगा जिसकी सोच मुसलमानों से अलग हो.’

डॉ. माजिद अहमद तालिकोटी ने सदस्यों को धन्यवाद दिया और कहा कि ”मैं एक डॉक्टर हूं, मैं कैंसर का इलाज करता हूं, जो मेरे पास आता है मैं उसका धर्म नहीं देखता, मैं सभी की सेवा करता हूं. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सेंटर सदस्यों का है, यह देश का है, यह इस देश के लोगों का है. इस सेंटर में वही काम होगा जो सदस्य चाहेंगे, यहां किसी की विचारधारा नहीं थोपी जा सकती, अगर किसी भी विचारधारा का व्यक्ति यहां आता है तो जो सदस्य चाहेंगे वही होगा, वही निर्णय होगा.”

उन्होंने कहा— “अब विरोधियों के पास इसके अलावा कोई मुद्दा नहीं है, वे हर जगह एक विचारधारा की बात करके सदस्यों को डराने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इस्लामिक कल्चरल सेंटर का हर सदस्य बौद्धिक और उच्च शिक्षित है वह किसी के बहकावे में आने वाला नहीं है. इसलिए विरोधियों को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और बताना चाहिए कि इसे अदालत में ले जाने के अलावा उन्होंने अब तक सेंटर के लिए क्या किया है.”

— भारत एक्सप्रेस

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