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PM मोदी के नशा-मुक्‍त भारत की मुहिम के तहत बड़ी कामयाबी, समंदर में जब्‍त की गई 3300 किलोग्राम ड्रग्स

पीएम मोदी के नशा मुक्त भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में ड्रग प्रवर्तन एजेंसियों ने ड्रग्स की सबसे बड़ी जब्ती की है. एनसीबी, नौसेना और एटीएस गुजरात पुलिस के अभियान में हजारों किलो ड्रग्स जब्त की गई है.

PM मोदी के नशा-मुक्‍त भारत की मुहिम के तहत बड़ी कामयाबी, समंदर में जब्‍त की गई 3300 किलोग्राम ड्रग्स

Seizure of Drugs in Indian Ocean : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नशा मुक्त भारत के सपने को को पूरा करने की दिशा में अग्रसर ड्रग प्रवर्तन एजेंसियों ने देश में मादक पदार्थों की सबसे बड़ी जब्ती करके एक शानदार सफलता हासिल की है। एनसीबी, नौसेना और एटीएस गुजरात पुलिस द्वारा किए गए एक संयुक्त अभियान में, हिंद महासागर में लगभग 3300 किलोग्राम ड्रग्स की एक विशाल खेप जब्त की गई। यह देश में मात्रा के हिसाब से सबसे अधिक अपतटीय जब्ती है और अपने आप में रिकॉर्ड है जिसमें देश में चरस/हशीश की उच्चतम जब्ती शामिल है। इस प्रकरण में पांच संदिग्ध विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है/गिरफ्तार किया गया है।

यह ऐतिहासिक सफलता हमारे देश को नशामुक्त बनाने की अटूट प्रतिबद्धता वाली प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का प्रत्यक्ष प्रमाण है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीबी, नौसेना और गुजरात पुलिस को बधाई दी है। नशा देश की सुरक्षा और भविष्य का शत्रु है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय इस खतरे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महानिदेशक, एनसीबी ने ज्ञानेश्वर सिंह, उप महानिदेशक (ऑपरेशन), एनसीबी के नेतृत्व में ऑपरेशन “सागर-मंथन” को आरम्भ किया और इसमें एनसीबी मुख्यालय की ऑप्स शाखा के अधिकारी और भारतीय नौसेना के ऑप्स/खुफिया शाखाओं के अधिकारी शामिल थे, ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में ड्रग्स की समुद्री तस्करी से उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे का मुकाबला किया जा सके। भारतीय नौसेना के समन्वय में एनसीबी द्वारा इस तरह के समुद्री अभियानों की एक श्रृंखला शुरू की गई है। वर्तमान ऑपरेशन के पूर्व “ऑपरेशन समुद्रगुप्त” भी इस कडी में एक और बड़ी सफलता थी।

इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्य कार्रवाई योग्य जानकारी एकत्र करना है जिससे प्रतिबंधित मादक पदार्थों को ले जाने वाले जहाजों की गतिविधियों को रोका जा सके। इस कार्य के लिए, टीम ने भारतीय नौसेना और अन्य ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे एटीएस गुजरात, खुफिया एजेंसियों आदि से जानकारी का आदान-प्रदान कर ठोस आसूचना को एकत्र किया। टीम ने कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय जानकारियों को विकसित कर कार्रवाई योग्य इनपुट उत्पन्न करने के लिए आधुनिक तकनीकी का भी प्रयोग किया।

निरंतर खुफिया संग्रह और विश्लेषण के परिणामस्वरूप एक विश्वसनीय इनपुट उत्पन्न हुआ। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ऑपस ब्रांच को एक विश्वसनीय स्रोत से जानकारी मिली थी कि मछली पकड़ने वाली एक विदेशी नौका, जो अपंजीकृत है और जिसमें कोई एआईएस स्थापित नहीं है, 3000 किलोग्राम से अधिक नारकोटिक्स पदार्थ और 5-7 विदेशी नागरिकों के साथ भारतीय जल क्षेत्र में आ रहा है। यह भी ज्ञात हुआ कि तमिलनाडु की ओर से आने वाली इस मछली पकड़ने वाली नौका द्वारा 27 फरवरी, 2024 को 0500-0700 बजे के बीच भारतीय जल सीमा के भीतर एक निश्चित बिंदु पर संदिग्ध प्रतिबंधित सामग्री को पहुंचाया जाएगा।

इस जानकारी के आधार पर ऑपरेशन “सागर मंथन-1” को लॉन्च किया गया। इस ऑपरेशन के लिए एनसीबी, इंडियन नेवी और गुजरात एटीएस की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। जहाज पर नियंत्रण के लिए, एनसीबी द्रारा भारतीय नौसेना से सहायता का अनुरोध किया। एनसीबी के अनुरोध पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय नौसेना ने इस ऑपरेशन के लिए अपने निकटतम सुरक्षा स्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित की।

भारतीय नौसेना की मदद से एनसीबी और गुजरात एटीएस की संयुक्त टीम ने 27/02/2024 सुबह एक संदिग्ध जहाज को रोका। आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भारतीय युद्धपोत द्वारा जहाज और चालक दल को पोरबंदर ले जाया गया। 05 विदेशी नागरिकों, जिनके पास कोई पहचान दस्तावेज नहीं थे, को निरुद्ध/गिरफ्तार किया गया है। मादक पदार्थ ले जा रही नौका के साथ एक थुराया (Thuraya) और 04 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। दवा पैकेजिंग सामग्री पर “रास अवाद फूड्स कंपनी, पाकिस्तान का उत्पादन” प्रिंट पाया गया।

जब्त किए गए मादक पदार्थ:

3110 किलोग्राम चरस/हशीश
158.3 किलोग्राम क्रिस्टलीय पाउडर मेथ
24.6 किलोग्राम हेरोइन.

इस अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट का समूल भंडाफोड़ करने के लिए जांच जारी है। आवश्यकतानुसार विदेशी ड्रग प्रवर्तन एजेंसियों से भी अपेक्षित सहायता ली जाएगी। एनसीबी द्वारा नशीले पदार्थों के अवैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में संलिप्त ऐसे संपूर्ण नेटवर्कों की पहचान करने और उन्हें रोकने के प्रयास जारी हैं और यह कार्रवाई भी ऐसे प्रयासों का परिणाम है। यह ऑपरेशन अंतर-एजेंसी सहयोग और समन्वय का भी एक बड़ा उदाहरण है। एनसीबी भारत सरकार के नशा मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सहयोग के लिए एटीएस गुजरात पुलिस और भारतीय नौसेना की भागीदारी की सराहना की।

ज्ञानेश्वर सिंह, आईपीएस
उप- महानिदेशक संचालन, एनसीबी

** अवैध मादक पदार्थों के मूल्य की गणना करने का कोई मानक तरीका नहीं है। यह गुणवत्ता, क्षेत्र और मात्रा के अनुसार बदलता रहता है। अनुमान के अनुसार जब्त किए गए अवैध मादक पदार्थों की प्रति किलोग्राम कीमत इस प्रकार है:

हशीश: 5 – 10 लाख
मेथ और हेरोइन: 2 – 5 करोड़



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