
India-Pak War: पाकिस्तानी सेना के आला अधिकारियों द्वारा भारतीय सेना के आला अधिकारियों से फोन के जरिए बातचीत करना और यह कहना कि सीजफायर के लिए वह तैयार है. भारतीय सेना के अदम्य साहस और पाकिस्तान को पहुंची बड़ी क्षति का नतीजा है. पाकिस्तान 1971 जैसी बेइज्जती अब झेलने की हिमाकत नहीं करना चाहता है. उसे पता है कि अभी तो भारत की सेना ने ट्रेलर ही दिखाया है. जब वह इतना भयावह है तो फिर पूरी फिल्म कितनी खौफनाक होगी.
पाकिस्तान के झूठ का किया पर्दाफाश
दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद भारतीय सेना की तरफ से जानकारी दी गई और पाकिस्तान की तरफ से पिछले कुछ दिनों से फैलाए गए झूठ से भी पर्दा उठाया गया. पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि एस-400 डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है. इसके अलावा, ब्रह्मोस मिसाइल बेस भी सही सलामत है.
पाकिस्तान ने फैलाई झूठी अफवाह
कर्नल कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने अपने जेएफ-17 से हमारे एस-400 और ब्रह्मोस बेस को नुकसान पहुंचाया, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफवाह फैलाई कि उसने हमारे आयुध डिपो को नुकसान पहुंचाया, जो गलत है और हमारे आयुध डिपो पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
मस्जिदों को पहुंचाया नुकसान
सैन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से झूठा आरोप लगाया गया कि भारतीय सेना ने मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया, जबकि यह गलत है. भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और हमारी सेना देश के संवैधानिक मूल्यों की बहुत प्यारी झलक है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचाया है, चाहे वह जमीन पर हो या हवा में. इसके साथ ही भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के स्कर्दू, जकोबाबाद, सरगोदा और भुलारी एयरफील्ड को काफी नुकसान पहुंचाया है. भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और रडार सिस्टम को एयर स्पेस में अक्षम कर दिया है.
पाकिस्तान की सीजफायर की गुहार
उन्होंने कहा कि एलओसी के पास पाकिस्तान के कमांड और कंट्रोल, सैन्य ढांचा और सैन्यकर्मियों को काफी नुकसान पहुंचा और पाकिस्तान की सुरक्षा और हमला करने की क्षमता नष्ट कर दी गई है. इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने शनिवार दोपहर भारतीय सेना के डीजीएमओ से फोन पर बात की थी. उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर किया है और 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ फिर से बात करेंगे.
1971 की हार का साया
ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि आखिर पाकिस्तान को 2025 में भी 1971 वाला खौफ अंदर ही अंदर क्यों खाए जा रहा था? दरअसल, 1971 में जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना युद्ध के मैदान में थी तो उस जगह की स्थानीय आबादी, जो अब बांग्लादेश कहलाती है, पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय रूप से संघर्ष कर रही थी. भारत की सेना को वहां की जनता का पूरा समर्थन प्राप्त था. लेकिन, 2025 में ऐसा नहीं है. आज पाकिस्तानी सेना अपनी जनता और जनमत पर लगभग पूरी तरह से नियंत्रण रखती है.
भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर किया था हमला
ऐसे कठिन हालात में भी भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को तबाह किया है और आतंक के संरक्षकों का जीवन तहस-नहस कर दिया है. 1971 के विपरीत, अब पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं. इसके बावजूद, भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है, जिसने एक परमाणु संपन्न राष्ट्र की सीमा में घुसकर बार-बार प्रहार किया है.
भारत के पास है एस-400 जैसी एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान भी जानता है कि यह 1971 वाला भारत नहीं है. जब उस समय पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिक हमने कैदी बनाकर रख लिए थे तो अभी तो भारत पहले से ज्यादा संपन्न, समृद्ध और आत्मरक्षा करने में सक्षम है. भारतीय सेना आधुनिक हथियारों से लैस है. भारत के पास एस-400 जैसी एयर डिफेंस सिस्टम है. जिसका जलवा पाकिस्तान देख चुका है, जो भारतीय सेना का सुदर्शन चक्र है. जिसने भारत की सीमा में घुस रहे पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों और ड्रोन की टोह ली और हवा में उसे नष्ट कर दिया.
महज 13 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान के हुए थे दो टुकड़े
1971 में महज 13 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और उसके 90 हजार से ज्यादा फौजियों को हमने युद्धबंदी बना लिया था। उस समय तो पाकिस्तान के साथ पश्चिमी गठबंधन और अरब के देश मजबूती से खड़े थे. तब अमेरिका पाकिस्तान के साथ खड़ा था. आज भारत के साथ अमेरिका सहित विश्व के तमाम देश खड़े हैं और पाकिस्तान एकदम अलग-थलग पड़ गया है। तब चीन भी पाकिस्तान की मदद कर रहा था.
लेकिन, इस बार उसने मदद का अपना तरीका बदला था और वह सीधे युद्ध में पाकिस्तान के साथ उतरना नहीं चाह रहा था. लेकिन, पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराने के बारे में जरूर बात कर रहा था. तब श्रीलंका ने भी डर से ही सही अपने हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने के लिए पाकिस्तान को इजाजत दे दी थी क्योंकि उसे लग रहा था कि भारत कहीं उसके भी दो टुकड़े ना करा दे.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.