हीटवेव से हो जाएं सावधान (फोटो ट्विटर)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि भारत अपनी जनसंख्या पर गर्मी के प्रभाव को मापने और विशिष्ट स्थानों के लिए चेतावनी जारी करने के लिहाज से अगले साल अपना खुद का समग्र सूचकांक जारी करेगा. आईएमडी ने पिछले सप्ताह देश के विभिन्न भागों के लिए प्रायोगिक गर्मी सूचकांक जारी करना शुरू किया है. इसके लिए तापमान और सापेक्षित आर्द्रता को मापा जा रहा है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ग्रीष्म सूचकांक एक प्रायोगिक उत्पाद है. यह अभी विधिमान्य नहीं है और हमने (आईएमडी की वेबसाइट पर) इसका उल्लेख भी किया है. अब हम अपनी खुद की प्रणाली तैयार कर रहे हैं. यह एक बहु-मानकीय उत्पाद होगा जिसे ‘हीट हजार्ड स्कोर’ कहा जाएगा. हमें उम्मीद है कि यह अन्य प्रणालियों से बेहतर होगा.’’
उन्होंने बताया कि इसमें तापमान और आर्द्रता के साथ ही हवा और अवधि जैसे अन्य मानदंडों का भी समाकलन किया जाएगा. महापात्र ने कहा कि यह जनता के लिए गर्मी के प्रकोप का प्रभावी संकेतक होगा. आईएमडी प्रमुख ने कहा कि ‘हजार्ड स्कोर’ करीब दो महीने में तैयार होगा और अगली गर्मी के मौसम तक यह परिचालन में आ जाएगा.
महापात्र और उनकी टीम ने अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, आर्द्रता, गर्म हवा और लू की अवधि को ध्यान में रखते हुए पिछले साल पूरे देश के लिए लू के खतरे का विश्लेषण किया. विश्लेषण से ‘हीट हजार्ड स्कोर’ तैयार करने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग विशिष्ट स्थानों के लिए प्रभाव-आधारित लू संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए शुरुआत के रूप में किया जाएगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा, “गर्मी सूचकांक तापमान और आर्द्रता को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट तापमान प्रदान करता है. ‘हीट हजार्ड स्कोर’ संख्याओं के संदर्भ में गंभीरता को दर्शाएगा, जैसे 1 से 10 के पैमाने पर.”
उन्होंने कहा कि अमेरिका के गर्मी सूचकांक और भारत के ‘हीट हजार्ड स्कोर’ के बीच प्रमुख अंतर यह है कि भारतीय सूचकांक में गर्मी की स्थिति को बढ़ाने वाले अन्य मापदंडों पर भी विचार किया जाता है, जैसे न्यूनतम तापमान, हवा और जोखिम अवधि आदि. आईएमडी ने मई में देश के पूर्वी और मध्य-पूर्वी हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से अधिक रहने और गर्मी के ज्यादा दिनों की भविष्यवाणी की है.
-भारत एक्सप्रेस
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