(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)
भारतीयों की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के बीच इतना सोना खरीदा गया है, ये जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council – WGC) ने इस संबंध में नए आंकड़े जारी किए हैं. खास बात ये है कि ये सोना करवाचौथ (Karva Chauth) और दिवाली (Diwali) के समय नहीं बल्कि उससे पहले खरीदे गए हैं. ये आंकड़े वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर महीने के बीच के हैं, जबकि करवाचौथ और दिवाली जैसे त्योहार अक्टूबर महीने में पड़े हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों (Indians) ने सबसे ज्यादा सोना, सिक्कों (Gold Coins) और बार (Gold Bar) के रूप में खरीदा है. जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान भारत की गोल्ड की मांग में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है.
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में भारत में गोल्ड की मांग में बढ़ोतरी होने की वजह पीली धातु पर आयात शुल्क कम होने को माना जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा जुलाई में पेश किए गए आम बजट में सोने पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया था.
भारतीयों ने इतने टन सोना खरीदा
आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों ने जुलाई से सितंबर यानी 3 महीनों के दौरान 248.3 टन गोल्ड खरीदा गया है. यह आंकड़ा इस अवधि के दौरान चीन (China) के लोगों द्वारा खरीदे गए 165 टन गोल्ड से 51 प्रतिशत अधिक है. इसके मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीयों नें 77 टन सोना सिक्कों और गोल्ड बार के रूप में खरीदा है.
सोने के आभूषणों की मांग
आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान भारत में सोने के जेवरों (Gold Jewellery) की मांग में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है और यह बढ़कर 171.6 टन हो गया है. सोने में निवेश बढ़ने की वजह पीली धातु की कीमतों में इजाफा होना है. बीते एक साल में गोल्ड करीब 30 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है.
क्यों हुई खरीददारी में बढ़ोतरी
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोने की खरीददारी में बढ़ोतरी की वजह वैश्विक स्तर पर तनाव में वृद्धि होना है. सोने को महंगाई के खिलाफ जोखिम कम करने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और बाजार उठापटक के बीच यह एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. इस कारण से लोग सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस