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इंद्रेश कुमार की पाक को सख्त चेतावनी, बांग्लादेशी बर्बरता की कड़ी निंदा की, खामोश विपक्ष पर उठाए सवाल

कश्मीर घाटी में सुरक्षा चुनौतियों और बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों समेत सभी अल्पसंख्यकों पर हो रही बर्बरता की निंदा करते हुए इंद्रेश कुमार ने विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं.

Indresh Kumar

इंद्रेश कुमार.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने आज एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी नीतियों में सुधार नहीं करता, तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. कश्मीर घाटी में सुरक्षा चुनौतियों और बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों समेत सभी अल्पसंख्यकों पर हो रही बर्बरता की निंदा करते हुए उन्होंने विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐसा मौका है जब हर किसी को जाति, मज़हब, समुदाय और दलगत राजनीति से ऊपर उठ के इंसानियत का धर्म निभाना चाहिए.

एमआरएम बैठक में उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि जिस तरह बांग्लादेश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, वह तालिबान और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की बर्बरता की याद दिलाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बांग्लादेश भी तालिबान के रास्ते पर जा रहा है? इस गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने बांग्लादेश सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की और कहा कि इस तरह की घटनाएं मानवता के खिलाफ हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली के हरियाणा भवन में एमआरएम की एक बैठक में, वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) की वापसी का संकल्प लिया और कहा कि यदि परिस्थितियाँ मांगें, तो वे लाहौर तक तिरंगा फहराने से भी पीछे नहीं हटेंगे. इंद्रेश कुमार ने विपक्षी दलों के नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एम.के. स्टालिन और ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हो रही ज्यादतियाँ और बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार नहीं दिखते? संघ नेता ने कहा कि बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे हमलों पर विपक्ष की चुप्पी बेहद शर्मनाक और आपत्तिजनक है.

इससे पहले, इंद्रेश कुमार ने मंच के अधिकारियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एमआरएम द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्रा पीओजेके और कैलाश मानसरोवर की वापसी के लिए एक महत्त्वपूर्ण अभियान है. 13 अगस्त से 25 अगस्त तक, एमआरएम ने पूरे देश में तिरंगा यात्रा आयोजित की है, जो राष्ट्र की एकता, अखंडता, और संप्रभुता का प्रतीक है. इस यात्रा में देशभर के बच्चे, बुजुर्ग, युवा, और महिलाएँ उत्साहपूर्वक हिस्सा ले रहे हैं, और इस राष्ट्रीय भावना को जागृत कर रहे हैं.

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इस यात्रा के माध्यम से एमआरएम ने संदेश दिया कि राष्ट्र की सुरक्षा और एकता के लिए कोई भी बलिदान करने से संगठन पीछे नहीं हटेगा. इंद्रेश कुमार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर चलाए जाते हैं, जिनका उद्देश्य भारत में घुसपैठ करना और हमले करना है. उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूह पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होते हैं और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि धारा 370 और 35ए हटाए जाने के बाद, आतंकवादियों और उनकी पनाहगाह आतंकिस्तान ने कश्मीर को अस्थिर करने की साजिशें तेज कर दी हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों और घुसपैठ को रोकने के लिए कई सख्त सैन्य अभियान चलाए हैं और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की है.

-भारत एक्सप्रेस



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