महावीर मेडिकल कॉलेज, भोपाल
मध्य प्रदेश का महावीर मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है. ये पहली बार नहीं है जब महावीर मेडिकल कॉलेज में अनियमितताओं को लेकर सवाल उठे हैं. इस मेडिकल कॉलेज से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. बुधवार को इंस्पेक्शन के दौरान मेडिकल कॉलेज में फर्जी मरीज पाए गए. मेडिकल कॉलेज में पैसे देकर लोगों को फर्जी मरीज के तौर पर दिखाया गया.
दूसरी तरफ, फैकल्टी की बायोमेट्रिक मशीन के साथ अटेंडेंस भी मैच नहीं हुई है. यहां 70 फीसदी से अधिक फैकल्टी केवल कागजों पर है. इंस्पेक्शन करने वाली टीम को मेडिकल कॉलेज में कई अनियमितताएं मिली हैं. कुछ फैकल्टी के देश के विभिन्न शहरों में क्लिनिक हैं, बावजूद इसके इन लोगों को फुल टाइम फैकल्टी के तौर पर दिखाया गया है. यहां के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है लेकिन कॉलेज प्रबंधन को शायद ही इसकी कोई चिंता है.
मेडिकल कॉलेज में न के बराबर मरीज
आईपीडी में भी कुल क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत बेड तो भरे होने चाहिए, लेकिन यहां टीम को सबकुछ खाली-खाली नजर आया. यहां मरीजों की संख्या लगभग न के बराबर थी. इंस्पेक्शन करने वाली टीम को मेडिकल कॉलेज में कई चीजें ऐसी नजर आईं, जो सिर्फ कागजों में ही बताई गई हैं, लेकिन धरातल पर कहीं वो नजर नहीं आ रही थीं.
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इसके पहले साल 2022 में मेडिकल कॉलेज में इंस्पेक्शन हुआ था और तब भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर कई सवाल उठे थे. उस वक्त ओपीडी में पर्याप्त मरीज नहीं थे और न ही आईपीडी में भर्ती मरीज थे. आलम ये था कि 100 बेड के इस कॉलेज में महज 5 मरीज नजर आए थे. ये सारे मरीज छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित थे. जिसके बाद एनएमसी ने आगे की मान्यता देने पर रोक लगा दी थी. बताया जा रहा है कि इनका 2019 से 100 करोड़ का एनपीए है और बैंक इसको लेकर दबाव बना रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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