चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की चंद्रमा की सतह पर बहुप्रतीक्षित सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारियों के बीच लैंडर मॉड्यूल के तकनीकी मानक असामान्य पाये जाने की स्थिति में इसकी लैंडिंग 27 अगस्त तक के लिए टाली जा सकती है. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. इसरो ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 6.04 बजे करने की योजना बनाई है. चंद्रयान मिशन 14 जुलाई को 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था.
आज लैंड करेगा चंद्रयान-3
इसरो अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई के अनुसार, वैज्ञानिकों का ध्यान चंद्रमा की सतह के ऊपर अंतरिक्ष यान की गति को कम करने पर होगा. उन्होंने अहमदाबाद में बताया, ‘‘लैंडर 23 अगस्त को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा और उस समय इसकी गति 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी. हमारा ध्यान उस गति को कम करने पर होगा क्योंकि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल की भी इसमें भूमिका होगी.’’ट
स्पीड कम न होने पर क्रैश लैंडिंग की आशंका
उन्होंने कहा, अगर हम उस गति को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो ‘क्रैश लैंडिंग’ की आशंका होगी. 23 अगस्त को (लैंडर मॉड्यूल का) कोई भी तकनीकी मानक असामान्य पाया जाता है, तो हम लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर देंगे.
लगातार सिस्टम की जांच कर रहा इसरो
इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. इसरो ने कहा, ‘‘मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. प्रणालियों की नियमित जांच की जा रही है. सुचारू संचालन जारी है.
चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ भारत को उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल कर देगी, जिन्होंने चंद्रमा की सतह तक पहुंचने की उपलब्धि हासिल की है- अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन.
-भारत एक्सप्रेस
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