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नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होना बहुत खुशी की बात- इतालवी दूत

New Parliament: राष्ट्रीय राजधानी में इतालवी प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर भारत में इटली के राजदूत विन्सेंज़ो डी लुका नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर इसे बहुत उत्साहित बताया.

इटली के राजदूत विन्सेंज़ो डी लुका (फोटो ANI)

New Parliament Building’s Inauguration: प्रधानमंत्री ने आज 28 मई को नयी संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है, लेकिन इसको लेकर 21 विपक्षी दलों ने विरोध किया है. वहीं इस पर देश में मौजूद कई देशों के राजदूतों की अलग-अलग प्रतिक्रिया है. राष्ट्रीय राजधानी में इतालवी प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर भारत में इटली के राजदूत विन्सेंज़ो डी लुका नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर इसे बहुत उत्साहित बताया. उन्होंने कहा “बहुत अच्छा.”

एजेंसी एएनआई शुक्रवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के बारे इटली के दूत विन्सेन्ज़ो डी लुका से सवाल किया, जिस पर उन्होंने अपनी उपस्थिति के बारे बताया- लुका ने कहा कि इतालवी प्रदर्शनी “द ग्रैंड इटालियन विजन”, जो नब्बे के दशक से इतालवी रचनात्मकता में एक रोमांचक यात्रा है, जिसमें नए आकार के निरंतर शोध की विशेषता है. एक आइको नोग्राफिक उर्वरता वर्तमान समय तक खुद को नवीनीकृत कर रही है.

अमित शाह ने विपक्ष को दिया जवाब

लगभग सभी विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है और भारत के राष्ट्रपति से इसका उद्घाटन कराने की मांग की. जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऐतिहासिक घटना को याद करते हुए कहा कि व्यापक शोध के बाद सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में ‘सेंगोल’ को चुना गया. “जब सत्ता हस्तांतरण का समय आया तो वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पूर्व पीएम नेहरू से पूछा कि देश के अनुसार सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक चिन्ह क्या होना चाहिए”

शाह ने आगे कहा कि नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानी और ऐतिहासिक विद्वान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. सी राजगोपालाचारी ने गहन ऐतिहासिक शोध करने के बाद कहा कि भारत की परंपराओं के अनुसार, ‘सेनगोल’ को ऐतिहासिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में चिह्नित किया गया है,”

– भारत एक्सप्रेस

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