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कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक्सीडेंट दुखद, इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच हो: जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द

जमात-ए-इस्लाम हिंद ने पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के निकट हुए दुखद कंचनजंगा एक्सप्रेस रेल दुर्घटना की गहन जांच की मांग की है.

JAMAAT-E-ISLAMI-HIND

Jamaat-e-Islami Hind : इस्लामिक संगठन ‘जमाअत-ए-इस्लामी हिंद’ ने कंचनजंगा एक्सप्रेस रेल दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए आज शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर ने कहा, “पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पास हुए दुखद रेल हादसे के बारे में सुनकर हमें गहरा दुख हुआ है. हम अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं, पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं, तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस, एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन टीमें एक घंटे से अधिक समय के बाद दुर्घटना स्थल पर पहुंचीं. यह गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए.”

प्रो. सलीम इंजीनियर ने कहा, “हम स्थानीय ग्रामीणों की सराहना करते हैं जिन्होंने यात्रियों को बचाने और घायलों की देखभाल करने में सहायता की. यह ध्यान देने योग्य है कि निर्मल जोत गांव में मुख्यतः मुस्लिम आबादी है जो ईद मना रही थी. इसके बावजूद, उन्होंने त्वरित कार्रवाई की और समय पर सहायता प्रदान की. एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण, कई ग्रामीणों ने अपने वाहनों से यात्रियों को नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया. कुछ यात्रियों ने स्वास्थ्य लाभ के लिए निर्मल जोत निवासियों के घरों में शरण भी ली.”

दोषी पाए जाने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए

प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “ऐसी रेल दुर्घटना बालासोर (ओडिशा) रेल दुर्घटना के ठीक एक वर्ष बाद हुई, जिसमें 260 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 900 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए थे. यह बेहद परेशान करने वाली है. कंचनजंगा एक्सप्रेस रेल दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए. जाहिर है, हमने अपनी गलतियों से न तो सीखा है और न ही सुधार के लिए कोई कदम उठाए हैं. जमाअत-ए-इस्लामी हिंद दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है और इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. दोषी पाए जाने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए. हम मांग करते हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि ऐसी दुर्घटनाएँ दोबारा न हों. हम प्रभावित परिवारों के लिए उचित मुआवज़े की भी मांग करते हैं.”

— भारत एक्सप्रेस



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