सांकेतिक तस्वीर (PIC सभार: ANI)
जम्मू-कश्मीर में पश्मीना को और ज्यादा उम्दा बनाने और बाजारों में बढ़ती डिमांड को पूरा करने कि दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं. नकली पश्मीना को बाजार से खत्म करने के लिए असली पश्मीना की पहचान और आसान की जा रही है. एक आधिकारिक बयान में कहा गयाहै कि कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग के जरिए पश्मीना के परीक्षण और प्रमाणीकरण के लिए अत्याधुनिक उपकरण OFDA 4000 खरीदा गया है. बयान में कहा गया है कि उपकरण का उद्घाटन हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशक महमूद अहमद शाह ने बुधवार को पश्मीना परीक्षण एं गुणवत्ता प्रमाणन केंद्र श्रीनगर में किया.
यह उपकरण काफी अद्वितीय और उपलब्धता के पैमाने पर पश्मीना और दूसरे फाइबर के वर्गीकरण के लिए परीक्षण प्रक्रिया को सुगम बनाएगा. इसके चलते पश्मीना की गुणवत्ता को काफी कम समय में जांचा और परखा जा सकता है. यह उपकरण जम्मू-कश्मीर के यूटी में कमीशन होने वाला पहला उपकरण है और ओएफडीए 4000 के साथ परीक्षण के लिए ऐसी सुविधा देश में बहुत सीमित स्थानों पर उपलब्ध है.
गौरतलब है कि उपकरण एक मिनट से भी कम समय में 40,000 से अधिक फाइबर का परीक्षण करने में सक्षम है और फाइबर की ऐसी विशेषताओं जैसे माइक्रोन, लंबाई, समेटना आदि को निर्धारित कर सकता है और पश्मीना फाइबर, यार्न और कपड़े का परीक्षण कर सकता है जिससे परीक्षण आसान और परेशानी मुक्त हो जाता है.
OFDA 4,000 की उपलब्धता के साथ, पश्मीना-आधारित जीआई शिल्प, विशेष रूप से पश्मीना, कानी और सोज़नी को लेबल करने की प्रक्रिया को एक बड़ा बढ़ावा मिलने वाला है और इसके परिणामस्वरूप जीआई-प्रमाणित उत्पादों का व्यापक उपयोग होगा और जाँच में भी मदद मिलेगी.
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