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Jharkhand: आगामी 5 सितंबर को झारखंड की एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. डुमरी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर 10 अगस्त से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मालूम हो कि बीते 8 अगस्त को चुनाव आयोग ने इस उपचुनाव की घोषणा कि थी जिसमें 10 अगस्त से 17 अगस्त तक नामांकन पत्र जमा करने की तारीख़ तय की गई थी. चुनाव आयोग के अनुसार 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख़ 21 अगस्त होगी. 5 सितंबर को वोटिंग और मतगणना का कार्य 8 सितंबर को संपन्न होगा. 10 सितंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
आपको बता दें कि झारखंड के डुमरी विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगरनाथ महतो विधायक थे जो झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके थे. बीते 6 अप्रैल को उनका निधन हो गया था जिसके बाद से यह सीट रिक्त थी. अब निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा की है. यह उपचुनाव वर्तमान विधानसभा का छठा उपचुनाव होगा। इससे पहले रामगढ़, मांडर, बेरमो, मधुपुर, दुमका और गोड्डा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो चुके हैं।
निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार डुमरी के एसडीएम निर्वाचन पदाधिकारी बनाये गये हैं. 8 सितंबर को गिरिडीह के पचंबा स्थित कृषि बाजार समिति परिसर में वोटों की गिनती होगी. शांतिपूर्ण मतदान कराने और उपचुनाव पर नज़र रखने के लिए गिरिडीह और बोकारो में एक-एक कंट्रोल रुम बनाया गया है. मतदाता अपने आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त पासबुक, ड्राईविंग लाईसेंस, भारतीय पासपोर्ट समेत चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार दस्तावेजों के सहारे मतदान कर सकेंगे.
डुमरी विधानसभा उपचुनाव के लिए 240 भवनों में कुल 373 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. डुमरी में 199, नावाडीह में 129 और चन्द्रपुरा में 45 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं. इन मतदान केंद्रों में 199 संवेदनशील और 83 अतिसंवेदशील मतदान केन्द्र हैं जबकि अन्य 91 सामान्य मतदान केंद्र हैं. इन 91 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी. इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. उपचुनाव में भाग लेने वाले कुल वोटरों की संख्या 2 लाख 98 हजार 629 है जिसमें 82,840 पुरुष तो 76,755 महिलाएँ हैं. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 69.74 प्रतिशत मतदान हुआ था.
डूमरी में प्रत्याशी को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले ही अपने पत्ते खोल दिए हैं. पार्टी ने स्वर्गीय जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को राज्य सरकार में मंत्री बनाकर जनता के बीच संदेश दे दिया है कि पार्टी की प्रत्याशी वही होगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा को ऐसा विश्वास है कि जगरनाथ महतो के निधन के बाद सिंपैथी वोट उनकी पत्नी बेबी देवी को मिलेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा का ऐसा ही प्रयोग मधुपुर में सफल रह चुका है जहां तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हाजिर हुसैन अंसारी के पुत्र को पहले सरकार में मंत्री बनाया गया और बाद में चुनाव जीताया गया. उधर एनडीए ने अभी तक प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. चर्चा कई तरह की है. कहा जा रहा है कि बीजेपी की साथी आजसू इस सीट पर अपना दावा कर रही है. दूसरी तरफ बीजेपी के कुछ नेता यह कह रहे हैं कि पिछले चुनाव में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी. हालांकि वोटों का अंतर काफी कम था. ऐसे हालात में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए में प्रत्याशी की इस समस्या का समाधान क्या निकलता है. इस समस्या के समाधान का खासा असर चुनाव के परिणाम पर पड़ेगा, इतना तो तय है.
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