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UP News: कानपुर देहात में ‘अग्निकांड’, मां-बेटी के जिदा जलने का वीडियो आया सामने, पुलिस पर झोपड़ी में आग लगाने का आरोप

UP News: एडीजी जोन आलोक सिंह ने मंडलायुक्त राज शेखर के साथ भीड़ को शांत करने के लिए गांव का दौरा किया और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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जिंदा जली मां-बेटी (फोटो क्रेडिट: PTI)

UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले से दिल दहला देने वाली एक घटना से जुड़ा वीडियो सामने आया है. एक गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की आग से जलकर मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जब महिलाएं अंदर थीं, तो पुलिस वालों ने झोपड़ी में आग लगा दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों ने खुद को आग लगाई. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है.

पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार देर शाम रूरा क्षेत्र के मडौली गांव में हुई, जहां पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे.

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंचे और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. शिवम दीक्षित ने कहा, जब लोग अंदर थे तब उन्होंने आग लगा दी. हम भागने में सफल रहे. लेकिन इस दौरान 45 वर्षीय महिला प्रमिला और उसकी 20 वर्षीय बेटी नेहा की आग से जलकर मौत हो गई. उन्होंने कहा कि किसी ने कुछ नहीं किया, जिलाधिकारी ने भी नहीं. हर कोई भागा, कोई मेरी मां को नहीं बचा सका. यहां तक कि पुलिस और अधिकारियों ने हमारे मंदिर को भी तोड़ दिया.

मां-बेटी ने खुद को लगाया आग- एसपी

पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा कि महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया और आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई. इस दौरान रूरा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दिनेश गौतम और प्रमिला के पति गेंदन लाल भी महिलाओं को बचाने की कोशिश में झुलस गए. उन्होंने कहा कि हम जांच करेंगे और अगर कोई गलत काम हुआ है, तो हम आरोपी को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, जब भी कोई अतिक्रमण विरोधी अभियान होता है, एक वीडियो शूट किया जाता है. हमने वीडियो मांगा है और इसकी जांच करेंगे.

एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं ग्रामीण

बता दें कि इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई हैं. ग्रामीण कथित हत्या के आरोप में अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल सिंह और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

एडीजी जोन आलोक सिंह ने मंडलायुक्त राज शेखर के साथ भीड़ को शांत करने के लिए गांव का दौरा किया और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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वहीं, सपा ने महिलाओं की मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, योगी (आदित्यनाथ) सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं चुनिंदा तरीके से हो रही हैं. दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचार का निशाना हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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