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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की बेनामी सम्पत्ति पर कार्रवाई की है. यह सम्पत्ति ड्राइवर और नौकर के नाम पर खरीदी गई थी. आयकर विभाग ने ऐसी 11 प्रापर्टीज समेत कुल 8 करोड़ की बेनामी सम्पत्तियों को कुर्क किया है. ये सभी प्रापर्टी दलितों की बताई जा रही है, जिन्होंने आयकर विभाग से बचने के लिए दूसरों के नाम पर खरीदा गया था.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक कल्याणपुर निवासी अभिषेक शुक्ला ने जमीन खरीदने के लिए अपने दो दलित साथियों की मदद ली और बिठूर निवासी दलित घसीटाराम की कई बीघा जमीन को उनके पोते की मिलीभगत से खरीद ली और फिर आय़कर विभाग आदि एजेंसियों से बचने के लिए अभिषेक शुक्ला ने अपने पैसों को एकलव्य कुरील और करण कुरील के खाते में डाल दिया. बताया जाता है कि दोनों ही अभिषेक के करीबी हैं. बता दें कि अभिषेक शुक्ला ने ऐसा क्यों किया, क्योंकि SC/ST भूमि कानून के तहत एक दलित दूसरे दलित की भूमि को खरीद सकता है.
यूं किया गया गोलमाल
अभिषेक शुक्ला द्वारा एकलव्य कुरील और करण कुरील के अकाउंट में जो पैसा डाला गया, उसे घसीटाराम और उसके पोते मनीष के ज्वाइंट अकाउंट में डाल दिया गया और फिर ज्वाइंट खाते से इस पैसे को मनीष के निजी अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद मनीष ने इस पैसे को फिर से उसके असली मालिक अभिषेक शुक्ला के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. इस तरह से अभिषेक गोलमाल किया और फिर मनीष के साथ मिलकर 10 प्रापर्टीज खरीद डाली.
ये लोग आए जांच के दायरे में
करोड़ों की बेनामी सम्पत्तियों के हेरफेर को लेकर आयकर विभाग को भनक लग गई. इसके बाद छापेमारी कर आयकर विभाग की टीम ने अभिषेक शुक्ला की 10 सम्पत्तियों को कुर्क कर दिया. इस पूरे गोलमाल के खेल में आयकर विभाग ने अभिषेक शुक्ला के साथ ही मनीष, एकलव्य कुरील और करण कुरील यानी जिनके नाम पर जमीनों को खरादी गया, उनके खिलाफ भी जांच बैठा दी है. बता दें कि सभी बेनामी सम्पत्तियों को कुर्क कराने के लिए सभी जमीनों के पास टीम को भेजकर पहले बोर्ड लगाए गए और फिर मुनादी कराई गई और इसी के साथ सभी सम्पत्तियों को कुर्क कर दिया गया.
एक अन्य पर भी हुई कार्रवाई
इसी तरह आयकर विभाग की टीम ने बेनाम सम्पत्ति के मामले में सूरज सिंह पटेल और उनकी पत्नी रीना सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है. दोनों पति-पत्नी ओबीसी हैं लेकिन करीब 55 लाख की दलित की जमीन को खरीदने के लिए अपने दलित ड्राइवर धर्मेंद्र का सहारा लिया और उसी के नाम जमीन खरीद ली. ये दोनों पति-पत्नी कानपुर के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में बहरीन में रह कर काम कर रहे हैं. तो वहीं आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 55 लाख की इस बेनामी सम्पत्ति को कुर्क कर दिया है. बता दें कि इन मामलों के सामने आने के बाद ये साफ हो रहा है कि लोग काली कमाई को छुपाने के लिए बेनामी सम्पत्तियां खरीद रहे हैं तो वहीं आयकर विभाग ने भी इस तरह के मामलो में कार्रवाई करने के लिए अपनी नजरें पैनी कर ली हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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