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पाकिस्तान की जेल में बंद राजू की 5 साल बाद हो रही घर वापसी, बेटे के इंतजार में बैठी मां की आंखों से झलके आंसू

Madhya Pradesh: खंडवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि वह राजू की वापसी के संबंध में पुलिस मुख्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं.

Raju pindare

राजू पिंडारे

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के खंडवा से पांच साल पहले लापता हुए राजू की भारत वापसी हो रही है. वह अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था और वहां की जेल में बंद था. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. राजू को भारत सरकार की कोशिशों के बाद वापस लाया जा सका. वहीं राजू के बारे में जानकारी पाते ही मां की आंखों से आंसू छलक पड़े. परिवार को इस बात की जानकारी नहीं लगी कि वह अचानक पाकिस्तान कैसे पहुंच गया. परिजनों के मुताबिक, राजू मानसिक रूप से अस्वस्थ है.

अपर जिलाधिकारी शंकरलाल सिंघाड़े ने बताया कि खंडवा जिले के पुनासा तहसील अंतर्गत ग्राम इंधावड़ी निवासी राजू पिंडारे किसी तरह पाकिस्तान पहुंच गया था. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने राजू को छोड़ दिया है. सिंघाड़े ने बताया कि हमने चार सदस्यीय एक दल बनाया है जिसमें पुलिस के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं. इस दल को राजू को लेने के लिये अमृतसर भेजा गया है.

उन्होंने कि राजू को भारत को सौंपे जाने की सूचना हमें अमृतसर की रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से मिली थी. कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा. वहीं रेड क्रॉस सोसाइटी अमृतसर के प्रोजेक्ट मैनेजर सुभाष शर्मा ने कहा कि पिंडारे को पाकिस्तानी अधिकारियों ने 14 फरवरी को वाघा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रिहा किया था और सोमवार को खंडवा पुलिस को सौंप दिया जाएगा.

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मानसिक रूप से अस्वस्थ है राजू

खंडवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि वह व्यक्ति की वापसी के संबंध में पुलिस मुख्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं. दूसरी तरफ, पिंडारे की मां बसंता ने बताया कि पिंडारे मानसिक रूप से अस्वस्थ था और उसे लापता होने के छह महीने बाद 2019 में कुछ स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से पाकिस्तान में उसकी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली थी.

मां का कहना था कि उनका बेटा मानसिक रूप से कमजोर है और वह इधर-उधर घूमता रहता था. वह पाकिस्तान कैसे पहुंच गया, उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता. बसंता ने कहा, ‘‘मेरे बेटे पर जासूस होने का झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. जो दो रोटी कमाकर नहीं खा सकता वह जासूसी क्या खाक करेगा?’’

-भारत एक्सप्रेस

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