Bharat Express

UP: गमला बनाने से लेकर कंप्यूटर चलाने तक… जानिए, यूपी की जेलों में कैसे बदल रहा कैदियों का जीवन

UP News: जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि कारागार में तरह-तरह के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. जेल खेल-कूद के मुकाबले भी चलते रहते हैं और 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक खेल-कूद सप्ताह का आयोजन भी किया गया था.

UP

मूर्तियां बनाते जेल में बंद बंदी

UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जेल के बंदियों को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) के तहत प्रशिक्षण दे रही है. अलग-अलग जेलों में जिले के हिसाब इस योजना को चलाया जा रहा है. राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जेल में बंदी स्ट्रॉबेरी की खेती का प्रशिक्षण ले रहे हैं तो वहीं फतेहगढ़ जेल की महिला और पुरुष बंदियों ने भगवान राम के पटके, गमछे और दुपट्टे बनाए. जबकि शाहजहांपुर ज़िला कारागार में बंदियों को ज़री-जरदोज़ी का काम सिखाया जा रहा है

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर ज़िला कारागार में बंदियों को भारत सरकार की कौशल विकास योजना से जोड़ा जा रहा है. कैदियों को गमला बनाना, कंप्यूटर चलाना, नर्सरी संजोना और ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के तहत ज़री-जरदोज़ी का भी काम सिखाया जा रहा है.

जेल में पहले से काफी बदलाव आया है- बंदी

शाहजहांपुर जेल में बंद एक बंदी ने बताया कि मैंने यहीं से स्नातक (BA) की पढ़ाई पूरी की और काफी लड़कियों ने यहीं से पढ़ाई पूरी की है. यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर लगे हैं और कढ़ाई, बुनाई, सिलाई भी सिखाया जाता है. इसके साथ ही यहां सबके मनोरंजन के कार्यक्रम भी कराया जाता है. जेल में पहले से काफी बदलाव आया है.

चलाए जा रहे हैं कई कार्यक्रम- मिजाजी लाल

शाहजहांपुर जिला जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि कारागार में तरह-तरह के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. जेल खेल-कूद के मुकाबले भी चलते रहते हैं और 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक खेल-कूद सप्ताह का आयोजन भी किया गया था. बंदियों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिए योगा, सांस्कृतिक आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

ये भी पढ़ें: माया की मुस्लिम गोलबंदी! गूड्डू जमाली और इमरान मसूद के बाद अतीक की पत्नी…सपा के वोटबैंक में सेंध लगाने का क्या है BSP का मास्टर प्लान?

बता दें कि यूपी की योगी सरकार की देखरेख में महानिदेशक कारागार (डीजी जेल) आनंद कुमार लगातार सूबे की जेलों में बंद विचाराधीन और सजायाफता बंदियों के प्रशिक्षण, मानसिक विकास के लिए कौशल विकास के तहत ट्रेनिंग, पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद, योगा और मेडिटेशन जैसी योजनाओं को चला रहे हैं. बीते दिनों दिवाली के मौके पर प्रदेश के कई जेलों के बंदियों ने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, बिजली की रंगीन झालरें LED बल्ब और घरों को सजाने की सामग्री और गोबर से दिए भी बनाए थे.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read