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जानें क्यों काली होती है स्पेशल कमांडो फोर्स की वर्दी?

अक्सर ये देखा गया है कि स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन अधिकतर रात यानी अंधकार में या फिर कम से कम रोशनी वाली जगहों पर होते हैं.

uniform of Special Commando Force is black

सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Viral News: अक्सर ही आपने देखा होगा कि दुनियाभर की स्पेशल फोर्सेज, जैसे- SWAT, कमांडो यूनिट्स, ब्लैक कैट कमांडो और दूसरे ऑपरेशंस दल के जवान अक्सर ही काले रंग की वर्दी पहने हुए दिखते हैं. तो वहीं भारत में बिल्कुल ऐसा ही होता है. यहां पर भी जितनी भी स्पेशल फोर्स के कमांडो हैं उनकी वर्दी काले रंग की ही नजर आती है. आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या कभी आपने सोचा है? आखिर इसके पीछे का वैज्ञानिक और रणनीतिक उद्देश्य क्या होता है? आइए जानते हैं इस लेख में.

मालूम हो कि दुनियाभर में काली वर्दी एक तरह का पहचान चिन्ह भी है, जो यह दिखाती है कि पहनने वाला व्यक्ति किसी आम सैनिक या जवान से कहीं ज्यादा ट्रेन कमांडो है. ये तो सभी जानते हैं कि काले रंग को भय, शक्ति और रहस्य का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि जब कमांडो काले रंग की वर्दी पहन कर किसी मिशन के लिए काम करते हैं तो इसका दुश्मन पर एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है. कई बार तो सिर्फ ब्लैक कमांडो को देखकर ही दुश्मन की हिम्मत टूट जाती है.

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तो वहीं एक्सपर्ट ये भी बताते हैं कि स्पेशल फोर्सेज के लिए काले रंग की वर्दी का इस्तेमाल आज का नहीं है. दूसरे विश्व युद्ध से इसका कनेक्शन है. खासतौर से 1970 और 1980 के दशक में अलग-अलग देशों ने अपने स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट्स के लिए काले रंग को अपनाया. माना जाता है कि सबसे पहले काली वर्दी का इस्तेमाल नाजी जर्मनी की Schutzstaffel (SS) फोर्स के लिए किया गया था लेकिन बाद में इस वर्दी का उपयोग विवादास्पद माना गया लेकिन इसके प्रभाव की वजह से बाद में अन्य देशों की सेनाओं ने भी इसे अपनाया.

जानकार बताते हैं कि अक्सर ये देखा गया है कि स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन अधिकतर रात यानी अंधकार में या फिर कम से कम रोशनी वाली जगहों पर होते हैं. ऐसी स्थिति में काली वर्दी रात के अंधेरे के साथ इस कदर मैच कर जाती है कि दुश्मन भी कमांडों का पता नहीं लगा पाते. इस तरह से कमांडो बिना दुश्मनों की नजरों में आए, अपना मिशन पूरा कर लेते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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