Kolkata Doctor Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदीप घोष के खिलाफ ED ने रेड डाली. उनके 6 ठिकानों पर छापा मारा गया. यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संदीप घोष की एक याचिका को खारिज कर दिया.
संदीप घोष ने खुद के खिलाफ शुरू हुई CBI जांच को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. ज्ञात हो कि मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में संदीप घोष पहले से ही सीबीआई कस्टडी में हैं. वहीं, आरजी कर हॉस्पिटल की वित्तीय अनियमितता के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने के बाद ईडी भी घोष के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
3 सितंबर को निलंबित किए गए थे संदीप घोष
कोलकाता रेप-मर्डर केस का मामला हाईलाइट होने पर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठ रहे थे. इस बीच पश्चिम बंगाल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 3 सितंबर को संदीप घोष को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से निलंबित कर दिया. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आदेश में घोष के निलंबन की घोषणा की. इस आदेश पर स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम की बजाय विभाग में विशेष कार्य अधिकारी के हस्ताक्षर थे.
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आदेश में कहा गया, “कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के मद्देनजर, घोष को पश्चिम बंगाल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1971 के नियम 7(1सी) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.”
हालांकि, चिकित्सा बिरादरी के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की देर से की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया है. राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की घोष को बचाने के लिए पहले से ही आलोचना हो रही है.
16 दिनों की पूछताछ के बाद हुई थी गिरफ्तारी
घोष को 16 दिनों की पूछताछ के बाद 2 सितंबर की शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को एक अदालत ने उन्हें 8 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. घोष के खिलाफ सीबीआई दो समानांतर जांच कर रही है. एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का मामला है, जबकि दूसरा मामला उनके कार्यकाल के दौरान आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है. उन्हें इसी दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया.