अस्पताल में मौजूद कॉलेज स्टाफ और परिजन
MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर के एक निजी महाविद्यालय के पूर्व छात्र ने अंकसूची के विवाद में संस्थान की 54 वर्षीय महिला प्राचार्य पर सोमवार को कथित तौर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. जिसके बाद उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. पुलिस के एक आला अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
पुलिस महानिरीक्षक (देहात) राकेश गुप्ता ने बताया कि सिमरोल क्षेत्र के ‘बी.एम. कॉलेज ऑफ फार्मेसी’ की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा को संस्थान के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) ने कथित तौर पर पेट्रोल डालकर जला दिया. उन्होंने बताया कि यह घटना उस वक्त हुई, जब महाविद्यालय की छुट्टी हो गई थी और शर्मा अपने घर के लिए रवाना होने से पहले संस्थान परिसर में लगे पेड़ से बिल्व पत्र (भगवान शिव को अर्पित किया जाने वाला पत्ता जिसे हिंदू मान्यताओं में पवित्र माना जाता है) तोड़ रही थीं. गुप्ता ने बताया कि करीब 80 प्रतिशत झुलसीं शर्मा को शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि मामले में आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है.
आईजी (देहात) राकेश गुप्ता ने आरोपी से पूछताछ के हवाले से बताया कि उसने बी. फार्मा. की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन महाविद्यालय उसे उसकी अंकसूची नहीं दे रहा था. पुलिस महानिरीक्षक के मुताबिक, महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि संस्थान के पास श्रीवास्तव की अंकसूची अब तक पहुंची ही नहीं है. उन्होंने बताया कि अंकसूची विवाद में श्रीवास्तव ने करीब चार महीने पहले महाविद्यालय के एक प्रोफेसर पर चाकू से कथित तौर पर हमला किया था जिसमें वह मामूली तौर पर घायल हो गए थे. पुलिस महानिरीक्षक के मुताबिक इस मामले में आशुतोष श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया था और वह जमानत पर जेल से छूटा था.
इस बीच, पुलिस अधीक्षक (देहात) भगवत सिंह विरदे ने बताया कि महाविद्यालय की प्राचार्य शर्मा पर सोमवार को पेट्रोल डालकर आग लगाने के बाद आशुतोष श्रीवास्तव नजदीकी तिंछा जलप्रपात की गहरी खाई के पास कथित तौर पर खुदकुशी के लिए पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद एक व्यक्ति ने उसका इरादा भांपते हुए पुलिस की आपातकालीन सेवा ‘‘डायल 100’’ को फोन कर दिया.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘डायल 100 की गाड़ी के साथ तिंछा जलप्रपात पहुंचे एक पुलिस आरक्षक ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए आशुतोष श्रीवास्तव को बातों में उलझाया. इससे पहले कि आरोपी खाई में छलांग लगा पाता, उसे पुलिस आरक्षक ने हिरासत में ले लिया.’’