लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा
Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि आशीष मिश्रा सिर्फ निचली अदालत की कार्यवाही में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश जाएं, अन्यथा किसी अन्य मामलों में राज्य में प्रवेश न करें.
पीठ ने आशीष मिश्रा को रिहाई के एक सप्ताह के भीतर राज्य (यूपी) छोड़ने का निर्देश दिया और उन्हें एनसीटी-दिल्ली में भी नहीं रहने के लिए कहा. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अभियुक्त या परिवार द्वारा गवाहों को किसी भी तरह की धमकी देने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी और आशीष मिश्रा को अपने ठिकाने के बारे में अदालत को सूचित करना होगा. पीठ ने सुनवाई की अगली तिथि 14 मार्च निर्धारित की है.
शीर्ष अदालत ने ये भी फैसला किया किया कि वह लखीमपुर खीरी मुकदमे की निगरानी करेगा ट्रायल कोर्ट से हर सुनवाई की तारीख के बाद रिपोर्ट भेजने के लिए कहा. मामले में हत्या के आरोप में क्रॉस एफआईआर के मामले में जेल में बंद चार आरोपियों को भी अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को आशीष मिश्रा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह एक गंभीर और जघन्य अपराध है और जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा.
जमानत याचिका का विरोध करने वालों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा. उन्होंने कहा, यह एक साजिश और एक सुनियोजित हत्या है. मैं इसे चार्जशीट से दिखाऊंगा. वह एक शक्तिशाली व्यक्ति का बेटा है, जिसका प्रतिनिधित्व एक शक्तिशाली वकील कर रहे हैं.
3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में 4 किसानों की एसयूवी से कुचलने से मौत हो गई थी, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे. किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे.
-भारत एक्सप्रेस