jharkhand congress chief rajesh thakur
आगामी 20 मई को झारखंड की चतरा सीट पर लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में भाजपा ने चतरा से लोकल प्रत्याशी को टिकट देकर बड़ी चाल चल दी है. भारतीय जनता पार्टी ने कालीचरण सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित करने के बाद इंडिया एलाइंस में शामिल दलों को प्रेशर पॉलिटिक्स झेलने पर मजबूर कर दिया है.
शायद इसी का नतीजा है कि झारखंड की हॉट शीट बन चुकी चतरा सीट पर महागठबंधन की ओर से अब तक न तो सीट शेयरिंग की घोषणा हुई है और न ही राजद और कांग्रेस समेत महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रत्याशी के नाम पर अपनी अंतिम मुहर लगा पाई है. सीट की घोषणा नहीं होने से महागठबंधन में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. टिकट बंटवारे में देर होने से महागठबंधन में शामिल सहयोगी पार्टी कांग्रेस और राजद कार्यकर्ता अपनी दावेदारी को लेकर आमने-सामने आ गए हैं.
जहां राज्य के श्रम, नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता राजद की ओर से स्थानीय प्रत्याशी देने की बात कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि यहां कांग्रेस लडे या राजद प्रत्याशी स्थानीय ही होगा. वहीं कांग्रेस की प्रदेश कार्य समिति सदस्य आभा ओझा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर आश्वस्त हैं. कांग्रेस नेत्री आभा ओझा ने कहा है कि चतरा सीट कांग्रेस को मिलना तय है. इसके लिए दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता अपने-अपने दावों के साथ पार्टी फोरम में अपनी बातें भी रख रहे है.
राजद को चतरा सीट नहीं मिली तो होगा सामूहिक इस्तीफा
दूसरी ओर राजद के कई कार्यकर्ताओं ने कहा है कि अगर राजद को चतरा सीट से टिकट नहीं मिलता है तो सामूहिक इस्तीफा होगा. वहीं चतरा लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणी भी सीट शेयरिंग में हो रही देरी के बीच अपनी राजनीति रोटी सेंकने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि चतरा सीट कांग्रेस के खाते में जा रही है. कहा कि चतरा लोकसभा सीट से उनका लड़ना तय है. क्योंकि उनका एकमात्र मकसद भाजपा को हराना है और इसके लिए वह अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज करने का प्रस्ताव भी दे चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस हर हाल में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाएगी.
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