महापंचायत में राकेश टिकैत
Rakesh Tikait In Lucknow: राजधानी में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत ने सियासी माहौल को गरम कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राजधानी में हुंकार भरी. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर कई सवाल दागे हैं और कुछ मांगें भी रखीं. इस मौके पर उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, किसानों की मांग के बाद ही ये महापंचायत बुलाई गई है. उन्होंने कहा कि, लखीमपुर खीरी में किसानों पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया है. बिजली की समस्या दूर नहीं हुई, सरकार अपने वादों से मुकर रही है. वहीं सनातन को लेकर कहा कि, किसी को भी सनातन पर बात नहीं करनी चाहिए. सनातन धर्म है और धार्मिक विवाद सही नहीं है. सरकार मांगे नहीं मानेगी तो गांव से आंदोलन शुरू करेंगे.
बता दें कि, सोमवार को इको गार्डन पर किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया. इस मौके पर पहुंचे किसान नेता ने योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि, एनडीए और इंडिया गठबंधन किसानों के बारे में बात करे. इसी के साथ मीडिया से बात करते हुए कहा कि, अभी तक उन्होंने लोकसभा चुनाव में समर्थन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है. इसी के साथ सवाल किया कि विशेष सत्र में क्या होगा. साथ ही कहा कि, देश में अब बोलने की आजादी नहीं रही. उन्होंने कहा कि जब सरकार बोलने देगी तभी तो सही आवाज उठेगी. इसी के साथ प्रदेश से लेकर देश में छाए सनातन के मुद्दे पर कहा कि, सनातन पर किसी को बात नहीं करनी चाहिए. सनातन धर्म है और धार्मिक विवाद सही नहीं है. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, सरकार मांगे नहीं मानी तो गाँव से आंदोलन शुरू करेंगे. वहीं बता दें कि साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी में हो रहे इस किसान महापंचायत को लेकर सत्ता और विपक्ष दोनों ही खेमों की निगाहें गड़ी हुई हैं. बता दें कि दो साल पहले 22 नवंबर, 2021 में लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान महापंचायत बुलाई गई थी और तब भी एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग को जोर-शोर से उठाया गया था. हालांकि तब मुख्य रूप से लखीमपुर खीरी हिंसा भी छाया था और उस समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी की मांग को किसानों ने जोर-शोर से उठाया था.
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क्या झूठा था घोषणा पत्र
इस मौके पर राज्य के तमाम हिस्सों से लखनऊ पहुंचे किसानों को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि, “किसानों की कई मांगे हैं. सरकार ने अपने घोषणापत्र में कहा कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे. क्या घोषणापत्र झूठा था… या जनता बेवकूफ थी. आपने बहकाने का काम किया है.” उन्होंने आगे कहा कि, “ये सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती है. जो लिखत-पढ़त में देती है, उस पर काम नहीं करती. लोकतंत्र में भीड़ ही एकमात्र साधन है”
MSP कानून है पूरे देश की मांग
राकेश टिकैत ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि, “एमएसपी कानून देश में बनना चाहिए. ये पूरी देश की डिमांड है. वैचारिक क्रांति देश में होगी. इसी के साथ पुरानी पेंशन को लेकर बोले कि, नौकरीपेशा लोग पुरानी पेंशन नीति पर काम होना चाहिए. किसानों को फसलों के दाम मिलने चाहिए.” इस मौके पर 2024 के लोकसभा चुनाव में किसान यूनियन का कोई राजनीति दखल रहेगा या नहीं के सवाल पर बोले कि, ऐसी हमारी रणनीति नहीं है. इस मौके पर किसान नेता ने आरोप लगाया कि, एमएसपी गारंटी कानून को लेकर ढुलमुल नीति अपनाई जा रही है, जबकि 2011 में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंप कर एमएसपी गारंटी लागू करने की मांग की थी.
-भारत एक्सप्रेस