Bharat Express

Lucknow News: भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले ग्राम प्रधान के खिलाफ FIR दर्ज, वायरल हुआ वीडियो

वीडियो वायरल होने के बाद नगर पंचायत के वार्ड नम्बर सात रामपुर देवराई के सदस्य विकास सिंह भीम ने थाने में केस दर्ज कराया है.

मंच पर ग्राम प्रधान (घेरे में) वीडियो ग्रैब

Lucknow News: भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले ग्राम प्रधान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. यह घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब के नगुवामऊ से सामने आया है. यहां के ग्राम प्रधान ने एक कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम पर अभद्र टिप्पणी की थी. इस मामले में अब बीकेटी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक बख्शी का तालाब के नगवामऊ कला गांव में रविवार को भगवान बुद्ध की कथा का आयोजन किया गया था. इसी दौरान कार्यक्रम में प्रधान प्रहलाद भी मौजूद थे और मंच पर बोल रहे थे. इस कार्यक्रम का वीडियो भी बनाया जा रहा था. जिसमें प्रधान प्रहलाद ने ये कह डाला कि राम कोई भगवान नहीं है. अब इस घटना का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. आप वीडियो में साफ तौर पर सुन सकते है कि भरी सभा में भगवान राम के खिलाफ भड़काते नजर आ रहे हैं.

यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस घटना के बाद से ही गांव में आक्रोश व्याप्त हो गया है. वीडियो वायरल होने के बाद नगर पंचायत के वार्ड नम्बर सात रामपुर देवराई के सदस्य विकास सिंह भीम ने थाने में केस दर्ज कराया है. इस मामले में बीकेटी इंस्पेक्टर बृजेश संत तिवारी ने बताया कि ग्राम प्रधान प्रहलाद पर आईपीसी की धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं इस घटना के बाद गांव में लोग पुलिस से ग्राम प्रधान की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Wrestlers Protest: “नार्को और पॉलिग्राफी टेस्ट कराने को भी तैयार”, लेकिन… खाप महापंचायत के बाद बृजभूषण ने किया बड़ा ऐलान, पहलवान भी आज देंगे जवाब

जानें क्या है धारा 295 ए

बता दें कि अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करता है या इससे संबंधित वक्तव्य देता है, तो वह आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 ए के तहत दोषी माना जाता है. इसके लिए सजा में दो वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों का प्राविधान किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read