मौलाना अरशद मदनी (फोटो-IANS)
बुलडोजर कार्रवाई पर आए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चेयरमैन मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madni) ने प्रतिक्रिया दी है. अरशद मदनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम तो ये समझते हैं कि किसी शख्स की पूरी जिंदगी की कमाई उसके घर को गिरा देना ये कानून के खिलाफ है. जो कुछ किया जा रहा है वह गरीबों की पूरी जिंदगी की कमाई खत्म कर देने का प्रयास है. कुछ मामले ऐसे भी सामने आए है कि किराए के मकान को भी गिरा दिया गया.
एक घंटे में पूरी जिंदगी तबाह कर दी जाती है
उन्होंने कहा कि एक घर में पूरा परिवार है. अगर किसी एक आदमी से गलती हो गई तो, पूरे परिवार की दुनिया को जहन्नुम बना देना, बेसहारा बना देना ये गलत है. एक दिन या एक घंटे में किसी की पूरी जिंदगी तबाह कर दी जाती है, और इसी आधार पर हम कोर्ट गए थे. हमारी कोशिश रही कि हम मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करें. इसके लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में सबसे बेहतर से बेहतर वकील किए थे. वकीलों ने गरीबों और मजलूमों का मजबूत पक्ष रखा. हमें अल्लाह की कुदरत और उसकी इनायत पर बहुत ज्यादा फक्र है. हम दुआ करते हैं कि खुदा करे कि कोर्ट से इसी तरह गरीबों को मदद मिलती रहे, जिस तरह आज मिली है.
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हम बेहद खुश हैं कि कोर्ट ने सही कदम उठाया
मदनी ने कहा कि हम बेहद खुश हैं और मानते हैं कि कोर्ट ने सही और सटीक कदम उठाया है. यह जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बड़ी उपलब्धि है. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने बुलडोजर के जरिए लोगों के घर तोड़े. हम सभी जजों को बधाई देते हैं जिन्होंने लोगों की दिल की आहट को सुना है, परेशानी को अपनी परेशानी समझी है और दस्तूर के मुताबिक सही फैसला किया है.
खुदा करें हमारे मुल्क के अंदर अमनो अमान और इसी तरह गरीबों को हक देने के फैसले होते रहें. मुल्क के अंदर अमनो अमान कायम रहे. उन्होंने आगे कहा कि सरकारों को चाहिए कि जिन लोगों के घर गिराए गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए, क्योंकि उनकी जिंदगी पूरी तरह से तबाह कर दी गई है.
-भारत एक्सप्रेस