अजित पवार (मध्य)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी भूचाल लाने के लिए विख्यात शरद पवार आज खुद राजनीतिक बवंडर में घिर गए हैं. भतीजे अजित पवार ने जहां मुंबई में अपने साथ जुड़े विधायकों की ताकत दिखाई, वहीं शरद पवार और उनके फैसलों पर भी जमकर हमला बोला. बुधवार को अजित पवार ने MET बांद्रा में अपने गुट के सभी सदस्यों की बैठक बुलाई. इस दौरान अजित ने अपने चाचा शरद पवार के राजनीतिक फैसलों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने उन बातों पर भी मुहर लगाई जिसकी चर्चा गाहे-बगाहे राजनीतिक गलियारों में होती रही है.
अजित पवार ने अपने संबोधन में कहा कि 2017 में एनसीपी बीजेपी सरकार में शामिल होने वाली थी. लेकिन, शिवसेना के चलते शरद पवार ने फैसला टाल दिया. उन्होंने कहा, “2017 में हम बीजेपी सरकार में शामिल होने वाले थे लेकिन हमने शर्त रख दी कि शिवसेना नहीं रहेगी. बीजेपी ने कहा कि 25 साल पुराने साथी को निकाल नहीं सकते हैं. 2019 में हमने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना ली.”
शरद पवार पर साधा जमकर निशाना
अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को अपना नेता और गुरु बताया, लेकिन हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. उन्होंने 1978 में वसंत दादा पाटिल की सरकार गिराने की भी चर्चा की. अजित ने बताया कि कैसे शरद पवार वसंत दादा पाटिल की सरकार को गिराकर खुद मुख्यमंत्री बने थे. यही नहीं उम्र को लेकर भी अजित पवार काफी आक्रामक दिखे. उन्होंने कहा, “2023 में पवार साहब ने कहा कि 83 साल का हो गया हूं. रिटायर होना चाहता हूं. वह सुप्रिया को अध्यक्ष बनाना चाहते थए. हम तैयार थे. फिर यू टर्न क्यों लिया?”
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “आपने (शरद पवार) मुझे सबके बीच खलनायक के रूप में पेश किया. बावजूद इसके मैं काफी सम्मान रखता हूं. लेकिन आप बताइए, IAS अधिकारी भी 60 साल बाद रियाटर हो जाता है. यहां तक कि राजनीति में बीजेपी के लोग 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं. आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को देख सकते हैं. ये अपनी अगली पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका देते हैं. आप 83 वर्ष के हो चुके हैं. क्या आप नहीं रुकने वाले? अपना आशीर्वाद हमें दीजिए और हम आपकी लंबी उम्र की प्रार्थना करेंगे.”
अजित पवार ने शरद पवार का कांग्रेस विरोध और फिर उसी के साथ गठबंधन का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे शरद पवार ने सोनिया गांधी को विदेशी बताया और कांग्रेस से किनारा करके अलग पार्टी बनाई. उन्होंने बताया कि 2004 में एनसीपी के विधायक ज्यादा थे. महाराष्ट्र में विलास राव देशमुख ने पूछा कि सीएम कौन होगा? हमने चार विभाग ज्यादा लेकर मुख्यमंत्री पद कांग्रेस को दे दिया.
-भारत एक्सप्रेस