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Mathura: श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि के पास बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई 10 दिन की रोक, मांगा रेलवे से जवाब

इस पूरे मामले में रेलवे का कहना है कि अतिक्रमणकारियों को पहले से नोटिस दे दिए गए थे. जिस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके मकान बनाए गए हैं, वह रेलवे की जमीन है.

अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई तोड़-फोड़ (फोटो सोशल मीडिया)

Mathura: श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि के पास बसी नई बस्‍ती में बन मकानों को तोड़े जाने के मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. इस तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन की रोक लगा दी है औऱ रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं रेलवे का कहना है कि यह भूमि रेलवे की है और इस पर अवैध तरीके से कब्‍जा किया गया. इसी को लेकर 9 और 14 अगस्त को बड़ी संख्या में मकानों पर जेसीबी चलवाकर तोड़ दिया गया. जानकारी सामने आ रही है कि अभी तक 75 घर तोड़े गए हैं. तो वहीं अब इस मामले में अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी. मालूम को कि इस तोड़-फोड़ के अभियान को रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

बता दें कि हाल ही में मथुरा-वृंदावन रेल लाइन को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलने का काम शुरू किया गया है. इसी के बाद रेलवे कब्जा हो चुकी अपनी जमीनों को फिर से वापस पाने का काम कर रहा है और इसी अभियान के तहत अवैध रूप से बने मकानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान से लेकर अमरनाथ विद्या आश्रम तक करीब दो सौ मकान रेलवे लाइन के दोनों तरफ बने हैं. इस सम्बंध में रेलवे की ओर से बताया गया कि ये मकान रेलवे की जमीन का अतिक्रमण कर बनाए गए हैं. तो वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसके बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है.

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रह रहे हैं 100 साल से भी अधिक समय से

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर उत्‍तर मध्‍य रेलवे के डिवीजनल वर्क इंजीनियर नितिन गर्ग ने मीडिया को बताया कि इस साल जून में सभी अतिक्रमण करने वालों को मकान खाली करने का नोटिस दे दिया गया था और इसके लिए एक महीने का समय भी दिया गया था. बावजूद इसके लोगों ने मकान नहीं छोड़ा और न ही जगह खाली की और इसीलिए नोटिस पीरियड खत्म हो जाने के बाद अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला दिया गया. पूरे मामले को लेकर यहां रहने वालों का कहना है कि, वे करीब 100 साल से भी ज्‍यादा समय से इस जगह पर रह रहे हैं. वहीं रेलवे ने तोड़ने के लिए कुल 135 मकानों को चिह्नित किया है, जिसमें से 60 मकान 9 अगस्त को तोड़े गए और कुछ 14 अगस्त को. इस तरह के अभी तक कुल 75 मकान ध्वस्त किए गए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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