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UP News: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) बोर्ड को नया अध्यक्ष मिल गया है. मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को नया अध्यक्ष बनाया गया है. शनिवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में चली दो दिवसीय बैठक के बाद सैफुल्लाह रहमानी को यह पदभार सौंपा गया है. इसी के साथ अप्रैल से खाली हुए इस पद के लिए इंतजार अब खत्म हो गया है.
बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष रहे मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी का 13 अप्रैल 2023 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. तभी से ये पद खाली चल रहा था. फिलहाल मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को सर्वसम्मति से नया एआईएमपीएलबी का अध्यक्ष चुन लिया गया है. खालिद सैफुल्लाह रहमानी एक भारतीय मुस्लिम विद्वान, लेखक और न्यायविद हैं, जो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव के रूप में काम कर रहे थे. मालूम हो कि मौलाना रहमानी का नाम बोर्ड के अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे चल रहा था.
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AIMPLB के पांचवें अध्यक्ष हैं रहमानी
मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी AIMPLB के पांचवे अध्यक्ष हैं. इसके सबसे पहले अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद तैय्यब बने थे. इसके बाद अली मियां, मुजाहिदुल इस्लाम और मौलाना सैय्यद मोहम्मद राबे हसनी नदवी बोर्ड के अध्यक्ष रहे. नदवी 2002 से लगातार 21 साल तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष थे. बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक एनजीओ है और ये सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. इसको अप्रैल 1973 में स्थापित किया गया था. बताया जाता है कि इसकी स्थापना का उद्देश्य देश में पर्सनल लॉ की हिफाजत करना और देश में मुसलमानों के मुद्दों को सरकार के सामने रखना है.
जानें AIMPLB के बारे में
मीडिया सूत्रों के मुताबिक AIMPLB में 251 सदस्य होते हैं. इसी साथ इसके 102 संस्थापक सदस्य हैं. साथ ही 149 आम सदस्य होते हैं. इन सदस्यों के चुनाव के लिए प्रत्येक 3 साल बाद चुनाव कराया जाता है. बताते हैं कि इसमें सबसे ताकतवर मजलिस ए आमला को माना जाता है, क्योंकि अधिकतर शक्तियां इन्हीं के हाथ में होती हैं. इसके कुल सदस्यों की संख्या 51 है, जिसमें 5 महिला और 46 पुरुष होते हैं. जानकारी मिली है कि, इन सदस्यों का भी बोर्ड के 251 सदस्यों में से ही चुनाव किया जाता है.
1956 में हुआ था जन्म
मीडिया सूत्रों के मुताबिक खालिद सैफुल्लाह रहमानी का जन्म नवंबर 1956 में हुआ था. वह इस्लामिक विद्वान और न्यायविद, मुजाहिदुल इस्लाम कासमी के भतीजे हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा घर पर प्राप्त की और दो साल तक मदरसा कासिमुल उलूम हुसैनिया में अध्ययन किया. बता दें कि उन्होंने मुंगेर में जामिया रहमानी से स्नातक किया है. साथ ही दारुल उलूम देवबंद में फिर से “दावरा-ए-हदीस” (दार्स-ए-निज़ामी की हदीस वर्ग) का अध्ययन किया और वहां से 1395 एएच में स्नातक किया है. मौलाना रहमानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल काउंसिल के सदस्य और इस्लामिक फ़िक़ह अकादमी के महासचिव थे. 2021 में वली रहमानी की मौत के बाद उनको ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अंतरिम महासचिव नियुक्त किया गया था.
भारत एक्सप्रेस
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