
मेडिकल एवं पैरामेडिकल छात्रों ने ली दहेज मुक्त और नशामुक्त भारत की शपथ
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है. दहेज हत्या और नशे की लत के खिलाफ सरकार की सख्ती का असर दिखने लगा है, लेकिन सामाजिक जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है. इसी कड़ी में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में मेडिकल एवं पैरामेडिकल छात्रों ने दहेज मुक्त और नशामुक्त भारत की शपथ ली. इस आयोजन का उद्देश्य समाज को इन बुराइयों से मुक्त करने के लिए युवाओं को प्रेरित करना था. यह कार्यक्रम “पढ़े विश्वविद्यालय, बढ़े विश्वविद्यालय” तथा “पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय” अभियान के तहत आयोजित किया गया.
सभी को मिलकर करना होगा कार्य
कार्यक्रम में प्रधानाचार्या डॉ. वत्सला मिश्रा ने कहा कि दहेज प्रथा और नशे की लत से समाज को मुक्त करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इस सामाजिक बदलाव का नेतृत्व करना चाहिए. इस मौके पर कई प्रतिष्ठित चिकित्सा शिक्षक भी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. सूबिया करीम अंसारी, डॉ. खुर्शीद परवीन, डॉ. अभिषेक तिवारी, डॉ. मोनिका, डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. ऋचा सिंह, डॉ. रीना सचान, डॉ. कविता चावला सहित कई अन्य फैकल्टी मेंबर्स शामिल थे.
योगी सरकार लगातार कर रही प्रयास
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर लगातार सख्त कानून लागू कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है कि महिलाओं के शोषण और दहेज हत्या जैसे अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. यही नहीं, दहेज उत्पीड़न करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है. सरकार के इन प्रयासों के बावजूद दहेज हत्या और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने के लिए समाज की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है.
भारत में दहेज हत्या के भयावह आंकड़े
भारत में दहेज हत्या आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच 35,493 महिलाओं की मौत दहेज हत्या के कारण हुई, यानी हर दिन औसतन 20 महिलाओं की जान जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि दहेज प्रथा महिलाओं के शोषण का एक बड़ा कारण बनी हुई है. समाज को इस कुरीति से मुक्त करने के लिए युवाओं को दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा देना होगा.
नशे की लत से लाखों मौतें, WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट
कार्यक्रम में नशे की लत से होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 30 लाख लोग शराब और नशीली दवाओं के कारण अपनी जान गंवाते हैं.
26 लाख मौतें – शराब के कारण
6 लाख मौतें – नशीली दवाओं के कारण
भारत में 1 वर्ष में 10,000 से अधिक लोगों ने नशे की लत के कारण आत्महत्या की।
महाराष्ट्र – 2,818 मौतें
मध्य प्रदेश – 1,634 मौतें
कर्नाटक – 100 से कम मौतें
मेडिकल छात्रों को चलाना होगा अभियान
वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने कहा कि नशे की लत न केवल स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है, बल्कि परिवारों और समाज को भी नुकसान पहुंचाती है. मेडिकल छात्रों को इस दिशा में समाज को जागरूक करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए.
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