
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL), जो कि अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) की सहायक कंपनी है, ने छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक रणनीतिक कदम उठाया है. MIAL ने एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जिसमें हवाईअड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए यूजर डेवलपमेंट फी में वृद्धि की मांग की गई है.
नए टैरिफ संरचना में प्रस्तावित बदलाव
MIAL ने 2021 के बाद पहली बार अपनी टैरिफ संरचना में बदलाव का प्रस्ताव किया है. इस प्रस्ताव के तहत, MIAL ने घरेलू यात्रियों से 325 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 650 रुपये UDF शुल्क लगाने की योजना बनाई है. यह शुल्क एयरपोर्ट के विकास और तकनीकी सुधार परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं, एयरलाइनों द्वारा लिए जाने वाले लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में लगभग 35 प्रतिशत की कमी की जाएगी. इस कदम का उद्देश्य एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और यात्री अनुभव को बेहतर बनाना है.
यात्री शुल्क में संतुलन बनाए रखने की कोशिश
MIAL का यह प्रस्ताव एयरलाइनों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसके तहत एयरलाइन पार्किंग और लैंडिंग शुल्क में कमी की जाएगी, जिससे एयरलाइनों को लागत प्रबंधन में मदद मिलेगी. इससे मुंबई से उड़ानों के टिकटों की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों को फायदा होगा. MIAL ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि नई शुल्क संरचना यात्री पर अधिक भार न डाले, और एयरपोर्ट संचालन को वैश्विक मानकों के अनुसार बनाए रखा जाए.
Mumbai के एयरपोर्ट को वैश्विक हब बनाने की दिशा में कदम
MIAL का लक्ष्य मुंबई को एक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करना है. अगले पांच वर्षों में, एयरपोर्ट 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और 229 मिलियन यात्रियों से कुल 7,600 करोड़ रुपये की आय प्राप्त करने की उम्मीद है. इस नई टैरिफ संरचना के तहत, MIAL एयरपोर्ट के विकास के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाने का प्रयास करेगा, साथ ही यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाए रखेगा.
CSMIA में कई प्रमुख सुधारों की योजना
MIAL द्वारा प्रस्तावित सुधारों में विभिन्न परियोजनाओं की योजना है, जैसे कि टर्मिनल 1 का पुनर्विकास, जिसमें पुराने टर्मिनल 1A और 1B की संरचनात्मक मजबूती और यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाएगा. इसके अलावा, टर्मिनल 2 में डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके सुरक्षा जांच प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने की योजना है. स्मार्ट यात्री तकनीक, जैसे कि ई-गेट्स और IoT-आधारित समाधान, भी जल्द ही एयरपोर्ट पर लागू किए जाएंगे.
सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान
MIAL ने अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए भी कई उपायों की योजना बनाई है. यह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाएगा, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देगा और जल संरक्षण उपायों को मजबूत करेगा. MIAL का लक्ष्य 2029 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करना है.
MIAL का यह कदम मुंबई एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और उसे भविष्य के हवाई यात्रा की मांग के लिए तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह प्रस्ताव भारतीय विमानन क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक और अहम पहल है.
-भारत एक्सप्रेस
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