यूपी सरकार में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा
UP Assembly: यूपी विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के एक विधायक के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के तीखे तेवर देखने को मिले. सपा विधायक के सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह लड़ाई 2017 के पहले के ठेकेदारों और 2017 के बाद के ठेकेदारों की लगती है. उन्होंने कहा कि जिन दो कंपनियों की बात की जा रही है ये सही है कि 2017-18 से उन्हें कई टेंडर मिले हैं, लेकिन 5 वर्षों में कई टेंडर उन्हें नहीं भी मिले हैं.
ऊर्जा मंत्री ने उदाहरण देकर कहा, “जैसे 103 नंबर का गोरखपुर का टेंडर रामा पावर कार्पोरेशन को गया, उस कंपनी को नहीं गया जिसका जिक्र किया गया. आपका ये कहना कि ईपीएफ और ईएसआईसी में घोटाला हुआ है, अभी तक ऐसा कुछ नहीं सामने आया है. जिस ठेकेदार पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह 5 साल से ठेकेदारी कर रहा है और मैं तो 11 महीने से मंत्री बना हूं. वह भाजपा का कार्यकर्ता है इसलिए आपको चिढ़ हो रही है.”
उन्होंने यह कहते हुए सपा विधायक के आरोपों को खारिज कर दिया कि अनर्गल बातें करके आप दबाव नहीं डाल सकते. आपको ऐसी गैर-जिम्मेदाराना बातें नहीं करनी चाहिए. ये पूरा ठेका 2017-18 से चल रहा है. हमारे समय का नहीं है. लेकिन पांच सालों में इसमें कोई गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं आई है.
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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सपा विधायक अभय सिंह को आईना दिखाया कि आप जिस कंपनी का नाम ले रहे हैं, उनको एवं अन्य कंपनियों को भी कई काम मिले हैं. किसको कौन सा काम मिला ये स्थानीय निर्णय का विषय है. उन्होंने कहा कि जब कोई गड़बड़ी नहीं है तो सिर्फ इसलिए हम उसका टेंडर रद्द नहीं कर सकते कि वह भाजपा का कार्यकर्ता है. सपा के लोग नहीं चाहते कि भाजपा के कार्यकर्ता ईमानदारी से अपनी आजीविका कमाएं.
-भारत एक्सप्रेस