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मंत्री नंद गोपाल नंदी का देर रात पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर छापा,गायब मिले कर्मचारी, सामने आई कमियां

टोल प्लाजा पर मंत्री नंद गोपाल नंदी का छापा

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने देर रात तकरीबन 1 बजे टोल प्लाजा का अचौक निरीक्षण किया.  पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 9.5 पर स्थित संसारा टोल प्लाजा पर हुए इस छापेमारी में कई तरह की खामियां पाई गई है. इस अचौक निरीक्षण में उपस्थित कर्मचारियों की संख्या कम पाई गई और उपस्थिति रजिस्टर में लापरवाही मिलने पर मंत्री ने सम्बंधित एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने के साथ अन्य कार्रवाई के निर्देश भी दिए है.

बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 116 टोल बूथ हैं. जहां वसूली के लिए कार्मिक उपलब्ध कराए जाने की जिम्मेदारी अनुबन्ध के अनुसार मेसर्स कोरल एसोसिएट्स को सौंपी गई है. इसके द्वारा सभी टोल बूथों पर कुल 1211 अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात हैं. हर बूथ पर नियम के अनुसार एक शिफ्ट में 40 -50 कर्मचारी तैनात होने चाहिए, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के टोल बूथों पर प्रत्येक शिफ्ट में कर्मचारियों की संख्या नियम मुताबिक काफी कम होने की शिकायत पिछले कई दिनों से औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी को मिल रही थी.

इसे मंत्री नंदी ने काफी गम्भीरता से लेते हुए पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बैठक में भी औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी ने टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति संख्या कम मिलने पर सवाल उठाया था. इसके बाद भी सम्बंधित एजेंसी के कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं देखा गया है.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 9.5 पर स्थित टोल प्लाजा-1 संसारा (महुआ कला) लखनऊ के पास  मंत्री नन्दी ने अचानक अपने काफिले को रुकने का आदेश दे दिया. टोल प्लाजा पर अचानक औद्योगिक विकास मंत्री का काफिला रूकते ही टोल प्लाजा कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया.

काफिला रूकते ही गाड़ी से उतरते हुए औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी ने टोल प्लाजा पर छापा मारा और औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अप और डाउन दोनों लेन पर 16 की जगह 8 काउंटर ही खुले पाए गए. टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की संख्या पूछते हुए मंत्री नन्दी टोल प्लाजा के मुख्य कार्यालय पहुंचे इस दौरान उन्होंने कंट्रोल रूम को भी चेक किया.

इसके बाद उन्होंने रजिस्टर का भी निरीक्षण किया, जो पूरी तरह से मेंटेन नहीं किया गया था. प्रतिदिन बड़ी संख्या में कर्मचारियों की उपस्थिति कम पाई गई. तय मानक के अनुसार एक शिफ्ट में 40 – 50 कर्मचारी होने चाहिए थे, लेकिन टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की कुल उपस्थिति केवल पंद्रह ही पाई गई है. जिस पर औद्योगिक विकास मंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए मैन पॉवर उपलब्ध कराने वाली एजेंसी का लाइसेंस निरस्त करने को कहा साथ ही एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई करने के निर्देश  दिया है.

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