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मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल ने पेश की रिपोर्ट, बोले— हमने 237 गीगावाट की रिकॉर्ड पीक बिजली मांग को पूरा किया

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मोदी सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों में बिजली क्षेत्र को सबसे अहम बताया. 237 GW रिकॉर्ड पीक डिमांड, बैटरी ऊर्जा भंडारण योजना, ट्रांसमिशन सुधार और निजी निवेश जैसे बड़े कदम गिनाए.

केंद्रीय ऊर्जा, शहरी विकास मंत्री मंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने पर उपलब्धियां गिनाते हुए विकसित भारत विजन में पावर सेक्टर को सबसे अहम बताया. नई दिल्ली में स्थित इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य सभी को हर समय बिजली उपलब्ध कराना है और सरकार का लक्ष्य पूरे देश में 100% घरों में बिजली पहुंचाना है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी सभी बिजली मांगों को पूरा करने में सक्षम बन गया है और बिजली सरप्लस वाले देश की राह पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि देश में 9 जून को 22.46 बजे 237 गीगावाट की रिकॉर्ड पीक बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया. यह उपलब्धि देश के मजबूत बिजली बुनियादी ढांचे को रेखांकित करती है, जिसमें शून्य पीक कमी दर्ज की गई है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने घोषणा कि ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय एकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास करते हुए, विद्युत मंत्रालय ने पहले से चल रही 13.2 गीगावाट घंटे की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के अतिरिक्त 30 गीगावाट घंटे की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना को मंजूरी दी है. 5,400 करोड़ रुपये की इस योजना का लक्ष्य 2028 तक देश की बीईएसएस आवश्यकता को पूरा करते हुए 33,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है.

आईएसटीएस शुल्क छूट अब 30 जून तक

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भंडारण परियोजनाओं के लिए अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क की छूट 30 जून, 2028 तक बढ़ा दी गई है, जिससे इस तिथि से पहले आवंटित पंप स्टोरेज परियोजनाओं और चालू की गई बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को लाभ मिलेगा.यह विस्तार भारत की बढ़ती भंडारण आवश्यकताओं को पूरा करने और ट्रांसमिशन लाइनों के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

मनोहर लाल ने कहा कि भारत अल्ट्रा हाई वोल्टेज अल्टरनेटिंग करंट (यूएचवी एसी) ट्रांसमिशन सिस्टम की शुरुआत के साथ अपने बिजली ट्रांसमिशन में क्रांति लाने के लिए तैयार है.2034 तक विकास के लिए नौ 1100 केवी लाइनें और दस सबस्टेशन चिन्हित किए गए हैं, साथ ही केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान द्वारा परीक्षण सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिससे निवेश 53,000 करोड़ रुपये होगा.

बिजली लाइनों के लिए मुआवजा बढ़ाया गया

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने में इस्तेमाल की जाने वाली भूमि के लिए मुआवजा बढ़ा दिया है, ताकि राइट ऑफ वे मुद्दों को आसान बनाया जा सके. टावर क्षेत्र के लिए मुआवजा भूमि मूल्य के 85 प्रतिशत से बढ़कर 200 प्रतिशत हो गया है, और राइट ऑफ वे (RoW) कॉरिडोर के लिए मुआवजा 15 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है, जिससे भूमि मूल्य सीधे बाजार दरों से जुड़ गया है. हरियाणा और दिल्ली ने 21 मार्च, 2025 को जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों को पहले ही अपना लिया है.

राज्य ग्रिड में अधिक निजी निवेश

निजी निवेश को आकर्षित करने और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए, विलंब भुगतान अधिभार (LPS) नियमों का विस्तार करके अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणालियों को भी इसमें शामिल किया गया है. यह महत्वपूर्ण सुधार, जो पहले केवल अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणालियों पर लागू होता था, का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण नेटवर्क का विस्तार करना है.

मनोहर लाल ने कहा कि एक अभूतपूर्व उपलब्धि के रूप में, भारत ने 2024-25 के दौरान अपनी अब तक की सबसे अधिक 34 गीगावाट उत्पादन क्षमता जोड़ी, जिसमें अक्षय ऊर्जा का योगदान 29.5 गीगावाट रहा. देश की कुल स्थापित क्षमता अब 472.5 गीगावाट है, जो 2014 में 249 गीगावाट थी.

250 मेगावाट टिहरी पंप स्टोरेज परियोजना चालू

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में टिहरी पंप स्टोरेज परियोजना (PSP) की 250 मेगावाट की पहली इकाई चालू की गई है. यह परियोजना पीक डिमांड को प्रबंधित करने और अक्षय ऊर्जा को एकीकृत करने में मदद करेगी. उन्होंने बताया कि उत्पादन और ट्रांसमिशन क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि का एक प्रमाण, भारत की राष्ट्रीय ऊर्जा की कमी अप्रैल 2025 तक मात्र 0.1% तक कम हो गई है. यह 2013-14 में अनुभव की गई 4.2% की कमी से एक महत्वपूर्ण सुधार है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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