आईफोन हैकिंग मामला
केंद्र सरकार ने iPhone हैक मामले को लेकर बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने एप्पल को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. सरकार की तरफ से भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि एप्पल कंपनी बताए कि वो कैसे इस नतीजे पर पहुंची कि यह एक स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक है. आईटी सचिव एस. कृष्णन ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि विपक्षी दलों के सांसदों की तरफ से ये मामला उठाया गया है कि एप्पल कंपनी ने उन्हें मैसेज भेजा है. जिसमें फोन हैकिंग का अलर्ट दिया गया है.
सरकार ने एप्पल कंपनी को भेजा कारण बताओ नोटिस
आईटी सचिव ने आगे बताया कि मामले को लेकर नोटिस भेज दिया गया है. इसके अलावा इस केस की तह तक जाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. CERT-In इसकी जांच कर रही है. IT सचिव ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की ओर से भेजे गए संदेश का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद इस मामले की जांच CERT-In को दी गई है. CERT-In कम्प्यूटर सिक्योरिटी मामलों की जांच करने वाली एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है.
विपक्षी सांसदों ने लगाए थे फोन हैकिंग के आरोप
बता दें कि विपक्षी पार्टियों के कई सांसदों ने बीते मंगलवार को ये दावा किया था कि उन्हें एप्पल की तरफ से उनके iPhone में सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास किए जा रहे हैं. जिसको लेकर एप्पल ने चेतावनी भरा मैसेज भेजा था. इसी के बाद सांसदों ने सरकार पर फोन हैकिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं.
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सरकार ने इन आरोपों को किया था खारिज
विपक्षी सांसदों की ओर से लगाए गए इस गंभीर आरोपों के बाद सरकार ने इसका खंडन किया था. केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि सरकार इस मामले की जांच कराकर इसके तह तक जाएगी. एप्पल की तरफ से आए इस अलर्ट मैसेज के बाद कांग्रेस अध्य मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, केसी वेणुगोपाल, टीएस सिंहदेव, सुप्रिया श्रीनेत, प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक का दावा किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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