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चीन के खिलाफ मोदी सरकार की है ‘DDLJ’ नीति, भारत ने लद्दाख में 65 में से 26 चौकियों पर नियंत्रण खोया- जयराम रमेश का बड़ा हमला

Congress Targets Modi Govt: एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर चीन मुद्दे को लेकर गलत खबरें फैला रहे हैं.

jairam ramesh

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फोटो ट्विटर)

Congress Targets Modi Govt: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चीन को लेकर दिए बयान की आलोचना की थी. इसके बाद अब कांग्रेस ने मोदी सरकार की चीन को लेकर नीति पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विफल चीन नीति और दशकों में भारत के सबसे बड़े क्षेत्रीय नुकसान को छिपाने के उसके प्रयास को कितने भी आडंबर के बावजूद छिपाया नहीं जा सकता. इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हालिया बयान के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बयान में लद्दाख में चीनियों से निपटने की सरकार की नीति को “DDLJ-डिनाइ, डिस्ट्रैक्ट, लाइ एंड जस्टिफाई” करार दिया और कहा कि जयशंकर की टिप्पणी पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी पर एक निहायत ही घटिया बयान है.

एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर चीन मुद्दे को लेकर गलत खबरें फैला रहे हैं. वहीं उनकी टिप्पणियों के बाद कांग्रेस महासचिव व संचार प्रमुख रमेश ने कहा, “कोई भी आडंबर इस तथ्य को छिपा नहीं सकता है कि मोदी सरकार ने दशकों में भारत के सबसे बड़े क्षेत्रीय नुकसान को छिपाने की कोशिश की है, जो कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शी जिनपिंग को लुभाने के बाद हुआ है.”

एस जयशंकर पर साधा निशाना

उन्होंने कहा, “हम सुझाव देते हैं कि विदेश मंत्री जयशंकर और सरकार चीनी सैनिकों को डेपसांग और डेमचोक से बाहर निकालने की कोशिश में अधिक समय दें और अपनी अक्षमता के लिए विपक्ष को दोष देने में कम.” कांग्रेस नेता ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कांग्रेस पर हमला करने वाली हालिया टिप्पणी मोदी सरकार की विफल चीन नीति से ध्यान हटाने का नवीनतम प्रयास है, सबसे हालिया रहस्योद्घाटन यह है कि मई 2020 के बाद से, भारत ने लद्दाख में 65 में से 26 गश्त बिंदुओं तक पहुंच खो दी है.

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उन्होंने कहा कि 1962 की 2020 से कोई तुलना नहीं है, जब भारत ने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए चीन के साथ युद्ध लड़ा था, जबकि हालिया मामले में भारत ने “चीनी आक्रामकता को शुरूआती ना-नुकुर के बाद स्वीकार किया, जिसके बाद ‘डिसइंगेजमेंट’ हुआ, जिसमें भारत ने हजारों वर्ग किलोमीटर तक पहुंच खो दी है.”

-भारत एक्सप्रेस



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