Bharat Express

भाजपा विधायक को मारने के लिए सेना की LMG खरीदना चाहता था मुख्तार, ऐसे हुआ खुलासा

Mukhtar Ansari Death: मुख्तार भारतीय सेना की युनिट से चुराई गई एलएमजी खरीदना चाहता था. इसके लिए वह आर्मी के भगोड़े से डील कर रहा था. उस समय पुलिस महकमे ने डीएसपी शैलेंद्र सिंह को मुख्तार की निगरानी का जिम्मा सौंपा

Mukhtar Ansari Death

मुख्तार ने करवाई थी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या.

Mukhtar Ansari Death: माफिया से नेता बना मुख्तार अंसारी शनिवार सुबह गाजीपुर के मुहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. ऐसे में पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बन चुके मुख्तार का नामो निशान दुनिया से मिट जाएगा. उसकी मौत के बाद से ही उसके काले कारनामों और उससे जुड़े किस्सों की जमकर चर्चा हो रही है. साल 2004 की बात है. मुख्तार भारतीय सेना की युनिट से चुराई गई एलएमजी खरीदना चाहता था. इसके लिए वह आर्मी के भगोड़े से डील कर रहा था. उस समय पुलिस महकमे ने डीएसपी शैलेंद्र सिंह को मुख्तार की निगरानी का जिम्मा सौंपा. यह सब इसलिए हो रहा था क्योंकि 2002 के चुनाव में भाजपा नेता कृष्णानंद राय ने मुख्तार को हरा दिया था. ऐसे में उनकी जान को खतरा था.

शैलेंद्र सिंह को सरकार ने मुख्तार की निगरानी से जुड़े पूरे अधिकार दे रखे थे ऐसे में वे मुख्तार के सभी काॅल रिकाॅर्ड करते थे. ऐसी ही एक फोन काॅल के जरिए उन्हें मुख्तार के एलएमजी खरीदने की बात पता चली. इसके बाद उन्होंने धरपकड़ कर एलएमजी भी जब्त कर ली. उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली. इसके बाद शैलेंद्र सिंह पर तत्कालीन मुलायम सरकार ने मामला वापस लेने का दबाव बनाया.

एलएमजी से कृष्णानंद की हत्या करना चाहता था मुख्तार

शैलेंद्र सिंह एक साक्षात्कार में बताते हैं कि जब उन्होंने मुख्तार के खिलाफ मामला दर्ज किया तो उन्हें कहा गया कि आप इसे तत्काल वापस ले लीजिए. मैंने कहा सर एफआईआर दर्ज हो गई है कोई इसे वापस कैसे ले सकता है? इसके बाद लोगों ने कहा कि ठीक है अब वापस नहीं हो सकता तो अब इसका नाम मत लीजिए. इस पर भी मैंने आपत्ति जताई और कहा कि जब मैंने वादी बनकर नाम लिखवाया तो मैं अपने बयान से कैसे पलट सकता हूं.

ये भी पढ़ेंः मऊ दंगों के बाद योगी के काफिले पर मुख्तार ने करवाया था हमला, जानें कैसे बाल-बाल बचे थे आज के सीएम

डीएसपी ने बताया कि एलएमजी खरीदकर मुख्तार कृष्णानंद राय की हत्या करना चाहता था. हालांकि कृष्णानंद  पास सामान्य बुलेट का सामना करने वाली कार थी. जबकि एलएमजी की गोलियां बुलेटप्रूफ कार को भी भेद सकती थी. हालांकि बाद में मुख्तार अपने मिशन में सफल नहीं हो सका.

ये भी पढ़ेंः Lok Sabha Election: पीएम मोदी के प्रति मुसलमानों की धारणा को लेकर भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी ने कुछ ऐसा कहा, जिसे आप भी जानना चाहेंगे

Bharat Express Live

Also Read