Women Reservation Bill ( लोकसभा में मौजूद हैं पीएम मोदी)
Women Reservation Bill: दो दिनों तक चली बहस के बाद बुधवार शाम को ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा से पास हो गया है. इससे पहले पर्चियों से वोट कराए गए. इस दौरान सदन में पीएम मोदी भी मौजूद रहे. बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट विरोध में पड़े. बिल पर पर्चियों के जरिए मतदान करवाया गया. इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से सांसदों ने महिला आरक्षण को लेकर अपनी-अपनी बात रखी. कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने बहस का नेतृत्व किया. वहीं विपक्ष के तमाम सवालों का केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया.
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित हुआ, जिसमें महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए 33% का आरक्षण का प्रावधान है. सदन में बिल को लेकर पक्ष में 454 और खिलाफ में 2 मत डाले गए हैं.#WomenReservationBill #Loksabha #NarendraModi #ParliamentSpecialSession #BharatExpress pic.twitter.com/sYz3YKFCPq
— Bharat Express (@BhaaratExpress) September 20, 2023
युग बदलने वाला है विधेयक: अमित शाह
सदन में विपक्ष बिल पर अमित शाह ने कहा, “यह विधेयक युग बदलने वाला विधेयक है. पीएम मोदी ने मातृशक्ति को सम्मानित करने का काम किया है.” महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…कुछ पार्टियों के लिए, महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा और चुनाव जीतने का एक राजनीतिक उपकरण हो सकता है, लेकिन बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.”
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क्या है महिला आरक्षण विधेयक ?
बता दें कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से महिला आरक्षण विधेयक लाया गया है. इस पर पिछले 27 सालों से चर्चा जारी है. स्वतंत्रता से पहले और संविधान सभा में भी चर्चा की गई थी. स्वतंत्र भारत में इस मुद्दे ने 1970 के दशक में ही जोर पकड़ लिया था. विधेयक में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. हालांकि, अब इस पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है. लोकसभा में बहस के बाद वोटिंग में बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े. इसे सबसे पहले 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया गया था. लोकसभा के बाद बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां भी विस्तृत चर्चा होगी. अगर राज्यसभा से बिल पास हो जाती है तो इसे राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए लाया जाएगा. अगर राष्ट्रपति इसे नहीं लौटाते हैं तो फिर ये बिल कानून बन जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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