NCP अध्यक्ष शरद पवार (फोटो फाइल)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शनिवार को एक बार फिर अपनी पार्टी में विभाजन से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह सच है कि कुछ विधायक पार्टी छोड़कर चले गए हैं, लेकिन विधायकों का मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी नहीं होता. शरद पवार ने कहा कि आज भी मैं एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं. जयंत पाटिल इसकी राज्य इकाई के प्रमुख हैं.
विद्रोहियों का नाम लेकर उन्हें महत्व क्यों दिया जाए: शरद पवार
उन्होंने कहा, ” एनसीपी में किसी भी तरह की फूट नहीं हुई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वह पार्टी के विद्रोहियों के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं तो उन्होंने कहा, ”विद्रोहियों का नाम लेकर उन्हें महत्व क्यों दिया जाए.”
शुक्रवार को जब पवार से उनकी बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के उस बयान के बारे में पूछा गया कि एनसीपी विभाजित नहीं हुई है और अजीत पवार उसके नेता हैं तो उन्होंने कहा, “हां…इसमें कोई विवाद नहीं है.” लेकिन कुछ घंटों बाद, पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया.
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अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ किया बगावत
बता दें कि जुलाई में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने उस वक्त 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया. इसका उन्हें इनाम भी मिला. महाराष्ट्र सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया गया. अजित पवार के साथ आए 8 विधायकों को भी मंत्री बनाया गया.
बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा, ”मैं फासीवादी प्रवृत्तियों का विरोध करना जारी रखूंगा. केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है.” उन्होंने कहा कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली विपक्षी भारत गठबंधन की बैठक के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ संयुक्त अभियान पर भी चर्चा की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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