सांकेतिक तस्वीर
सौरभ अग्रवाल
Varanasi Tent City: वाराणसी (Varanasi) में गंगा घाटों के सामने उस पार टेंट सिटी (Tent City) बनाने पर रोक की समय सीमा कोर्ट ने बढ़ा दी है. इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील सौरभ तिवारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, सोमवार को सुनवाई के बाद एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) कोर्ट ने 30 नवंबर तक टेंट सिटी के निर्माण पर रोक लगा दी है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान इसे बसाने वाली कंपनी पर जुर्माना लगाने को कहा गया है. सुनवाई के दौरान उप्र के अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण मनोज सिंह ने गंगा उस पार टेंट सिटी को नियम विरुद्ध माना.
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, एनजीटी कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वाराणसी विकास प्राधिकरण, उप्र प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने वीडीए के वकील के एम नटराजन से पूछा कि गंगा किनारे टेंट सिटी बसाने का अधिकार वीडीए को किस नियम के तहत मिला. इसी के साथ एनजीटी कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी. जांच के लिए एनजीटी की ओर से एक संयुक्त कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी में कई विशेषज्ञ शामिल थे. जिन्होंने मौके का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दी थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे कार्रवाई की जा रही है. वहीं ये भी खबर सामने आ रही है कि, एनजीटी कोर्ट इस मामले में वीडीए पर भी फाइन लगा सकती है. मालूम हो कि वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की ओर से उनके वकील के एम नटराजन इसका बचाव कर रहे थे. गौरतलब है कि आज सुनवाई से पहले ही वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल का तबादला कर दिया गया है. इसके लिए शासन द्वारा पिछले सप्ताह ही आदेश जारी किया गया था.
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जांच के लिए बनाई थी संयुक्त कमेटी
इस मामले में एनजीटी ने जांच के लिए एक संयुक्त कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी में कई एक्सपर्ट को शामिल किया गया था, जिन्होंने मौके का मुआयना करने के बाद अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे कार्रवाई की जा रही है. तो वहीं इस मामले में कोर्ट ने वाराणसी के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को भी कड़ी फटकार लगाई है. इसी के साथ अपर मुख्य सचिव से उनके ऊपर कार्रवाई करने के निर्देश भी दे दिए हैं. बता दें कि एनजीटी, प्रधान पीठ नई दिल्ली के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई हुई.
-भारत एक्सप्रेस
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