नीति आयोग ने आईएएस अधिकारी हीरालाल की हाल ही में प्रकाशित किताब ‘Dynamic डीएम’ की खूब तारीफ की है. यह किताब उनके जन्म स्थान बस्ती से भारतीय प्रशासनिक सेवा तक की उनकी यात्रा का वर्णन करती है. इसमें यूपी के बांदा जिले में बतौर डीएम उनके प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया है. साथ ही सुशासन और विकास एक साथ कैसे हो, किताब यह भी बताती है.
आईएएस अधिकारी हीरालाल अभी यूपी की राजधानी लखनऊ में नेशनल हेल्थ अर्बन मिशन में अपर परियोजना निदेशक और ‘मॉडल गांव’ प्रॉजेक्ट के सलाहकार के रूप में नियुक्त हैं. उन्होंने अपनी किताब का नाम ‘Dynamic डीएम’ क्यों रखा, इसके पीछे भी एक कहानी है. दरअसल ये नाम बांदा की जनता ने उनकी कार्यप्रणाली को देखते हुए दिया है.
लीक से हटकर किया काम
आईएएस अधिकारी हीरा लाल 31 अगस्त 2018 से फरवरी 2020 तक यूपी के बांदा में डीएम रहे. बतौर कलेक्टर ये उनकी पहली पोस्टिंग थी. हीरालाल ने यहां लीक से हटकर काम किया. बांदा में जल संरक्षण के क्षेत्र में उनके काम को देखते हुए उनका नाम साल 2019 में ‘लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में दर्ज हुआ था.
लोग कहने लगे थे ‘Dynamic डीएम’
आईएएस अधिकारी हीरा लाल ने बताया कि – मैं बांदा में डीएम की कुर्सी पर करीब डेढ़ साल तक रहा. इस दौरान जल संरक्षण के लिए रोजाना तीन से चार विशेष बैठकें करना, लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए घर-घर जाना, बांदा से बाहर रहने वाले मतदाताओं के नंबर लेकर उन्हें वोट डालने के लिए आमंत्रित करना जैसे काम किए. मतदाताओं को फोन कॉल्स के अलावा मैंने 20 हजार पत्र भी लिखे. इन्हीं प्रयासों के कारण लोग मुझे ‘Dynamic डीएम’ कहने लगे थे.
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हीरा लाल ने बताया कि साल 1994 में वे 19वीं रैंक प्राप्त कर पीसीएस अफसर बने और विभिन्न पदों पर काम करने के बाद साल 2010 में प्रमोट होकर यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी बन गए.
-भारत एक्सप्रेस
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