बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
CM Nitish Kumar: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहाई मिलने के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है. बता दें कि आनंद मोहन को डीएम रहे जी कृष्णैया की हत्या के केस में उम्रकैद की सजा हुई थी. जेल में सजा काट रहे आनंद मोहन को जेल मैनुअल में बदलाव के बाद रिहा कर दिया गया है. वहीं इस मामले में सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए कुछ कहा है.
एक आदमी की रिहाई की बात करना आश्चर्यजनक
CM नीतीश कुमार ने शुक्रवार को इस मामले में बोलते हुए कहा कि, “इतने लोगों को जेल से रिहाई मिलती है. एक आदमी की रिहाई पर जो बात की जा रही है, हमको तो बड़ा आश्चर्य लग रहा है. इसमें कौन सी ऐसी बात है, ऐसा तो कुछ भी नहीं है. इस बारे में राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने कल ही सारी बातें बता दी हैं.” वहीं उन्होंने इस नियम को लेकर कागज भी दिखाते हुए कहा कि ये केंद्र सरकार की तरफ से ही यह आया है. अगर बिहार में इसके अनुसार किसी की रिहाई होती है तो क्या दिक्कत है.
#WATCH | "…I am surprised. When this was not in place, several people used to demand it. Now when it is in place, they are opposing..," says Bihar CM Nitish Kumar on State Govt's order regarding the release of 27 prisoners including former MP Anand Mohan Singh from jail. pic.twitter.com/BsT3hFeqS2
— ANI (@ANI) April 28, 2023
नीतीश कुमार का बड़ा दाव
बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई को बिहार में नीतीश कुमार का बड़ा राजनीतिक दाव माना जा रहा है. मामले में बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया था कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि उनकी रिहाई भी जेल नियमों के अनुसार ही हुई है.
सुशील मोदी की दिखाई फोटो
वहीं इस मामले में नीतीश कुमार ने बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और आनंद मोहन की फोटो भी दिखाई और कहा कि सुशील मोदी ने खुद आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी. वहीं नीतीश कुमार का इस मामले में कहना था कि आनंद मोहन 15 साल से भी ज्यादा दिन जेल में रहे, सभी से राय लेकर निर्णय लिया गया है.
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कौन सा नियम बदला
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में संशोधन कर दिया है. पुराने नियम के तहत सरकारी सेवक की हत्या करने वालों को पूरी सजा से पहले रिहाई की छूट का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन नियम में बदलाव के बाद ऐसे अपराधियों को भी अब रिहाई में छूट मिल सकेगी. इसी के तहत उनकी रिहाई की गई है. इसे लेकर ही नीतीश कुमार का कहना था कि क्या सरकारी अधिकारी की हत्या और सामान आदमी की हत्या में फर्क होना चाहिए.
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