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PCS Jyoti Maurya Case: बंद होने जा रही है ज्योति मौर्या के खिलाफ चल रही जांच, आलोक ने आरोपों को लेकर नहीं पेश किए सबूत

Prayagraj: इस मामले में जानकारी सामने आ रही है कि, दोनों के बीच गोपनीय समझौता हो गया है. 28 अगस्त को जांच कमेटी ने आलोक से आरोपों को लेकर साक्ष्य मांगे थे लेकिन आलोक ने शिकायत ही वापस ले ली.

ज्योति और आलोक मौर्य फोटो-सोशल मीडिया

PCS Jyoti Maurya Case: पति के साथ विवाद को लेकर काफी दिनों तक सुर्खियों में रहीं पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मीडिया सूत्रों की मानें तो इनके खिलाफ चल रही जांच की सारी फाइलें अब बंद होने जा रही है. क्योंकि पति ने सारी शिकायतें वापस ले ली है और जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस प्रकरण को खत्म करने की सिफारिश भी कर दी है. तो वहीं अंदर खाने से खबर सामने आ रही है कि दोनों पति-पत्नी के बीच गोपनीय समझौता हो गया है. इसी के बाद अब जांच रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेज दी जाएगी.

धूमनगंज थाने में ज्योति के पति आलोक मौर्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बता दें कि ज्योति मौर्य का अपने पति से साथ विवाद सामने आने के बाद जहां एक ओर ज्योति ने अपने पति पर तमाम आरोप लगाए थे तो वहीं पति ने भी ज्योति पर कई आरोप लगाए थे और दोनों का कोर्ट में तलाक का केस भी चल रहा था. करीब डेढ़ महीने पहले आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की थी और उनकी नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे. साथ ही नियुक्ति विभाग की ओर से इस मामले में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत से उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह भी किया था. वहीं आलोक का आरोप था कि उन्होंने पत्नी को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया और वह पीसीएस बनीं लेकिन इसी के बाद उनके किसी और से सम्बंध हो गए और फिर वह घर छोड़कर चली गईं. आलोक ने ये भी आरोप लगाया था कि उन्होंने कर्ज लेकर अपनी पत्नी को पढ़ाया था. तो वहीं ज्योति ने आरोप लगाया था कि आलोक उनको मारते-पीटते हैं और उन्होंने अपने मायके में रहकर पढ़ाई की और जब पीसीएस बन गईं तो आलोक ने उन पर गलत आरोप लगा दिए. फिलहाल इस मामले की अब इतिश्री होती दिखाई दे रही है. क्योंकि हाल ही में ज्योति ने कोर्ट से अपील की थी कि सोशल मीडिया व समाचारों में जो भी उनके खिलाफ गलत चलाया गया, उसे हटया जाए. इससे उनके निजी जिंदगी में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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कमेटी के सामने वापस ली शिकायत

बता दें कि ज्योति पर लगे आरोपों को लेकर मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय और एसीएम प्रथम जयजीत कौर को लेकर जांच के लिए कमेटी गठित की थी. इसी के बाद कमेटी ने दोनों पक्षों को नोटिस दिया था और जो आरोप आलोक ने ज्योति मौर्या पर लगाए थे, उसको लेकर साक्ष्य मांगे गए थे. इसके लिए 20 दिन का समय दिया गया था. तो वहीं आलोक को साक्ष्य प्रस्तुत करने को लेकर कमेटी ने 28 अगस्त की तारीख तय की थी. इस पर आलोक कमेटी के समक्ष उपस्थित तो हुए लेकिन ज्योति के खिलाफ आरोपों का सबूत प्रस्तुत करने के बजाय शिकायत वापस ले ली. यही नहीं आलोक ने जांच कमेटी को ये भी लिखकर दिया कि वह सोच-समझकर शिकायत वापस ले रहे हैं. साथ ही ये भी लिखा कि उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई भी दबाव नहीं है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अभी तक आलोक और ज्योति मौर्य की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.

-भारत एक्सप्रेस

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